जयपुर. ‘हमास के आतंकी हमारे बच्चों की हत्या कर रहे हैं, कुत्तों-बिल्लियों को भी गोली मार रहे हैं। बच्चों के टुकड़े कर जानवरों को फेंके जा रहे हैं। छोटी-छोटी बच्चियों को किडनैप कर उनके साथ जुल्म कर रहे हैं। हमास को खत्म नहीं किया तो वो हमें मार देंगे।’ इजरायल-हमास युद्ध की खौफनाक कहानी बताने वाले इलाही जैसे सैकड़ों इजरायली पर्यटक फिलहाल पुष्कर से अपने वतन लौटने की तैयारी कर रहे हैं। इन्हें हमले के तुरंत बाद ही वहां की रिजर्व फोर्स में शामिल होने का ऑर्डर मिला था। दैनिक भास्कर टीम ने पुष्कर से वापिस लौट रहे इजरायली पर्यटकों से बात की। बातचीत में उन्होंने वहां के हालातों की जो कहानियां बताईं वो न सिर्फ डरावनी हैं बल्कि मानवता को कंपाने वाली हैं।
स्टार्क और लीला : भाई-बहन ने बताया कैसे मची तबाही
‘बहुत दर्दनाक है कि वहां हमारे देश इजरायल में ये क्या हो रहा है। 7 अक्टूबर को वहां एक सामान्य दिन था। हर कोई पार्टी में जश्न मना रहा था। अचानक एक बड़ा हमला चौंकाने वाला था। काफी देर तक किसी को कुछ नहीं पता चला कि वहां क्या हो रहा है, क्योंकि सेना को पहुंचने में काफी समय लगा। तब तक हमास के चरमपंथियों ने कई परिवारों को मार डाला। सैन्य बल और पुलिस वाले सभी लोग वहां पहुंचे तब तक बहुत देर हो चुकी थी।’
‘उस पार्टी में हमास ने 260 लोगों को मार डाला। हमने एक लड़की की न्यूड फोटो देखी, बच्चों की क्रूर हत्या की तस्वीरें देखीं। इस हमले की इन सभी तस्वीरों को देखना बहुत ही भयानक है। मुझे लगता है कि हमास और उसके लोगों में हमारे प्रति बहुत नफरत है। उनके मन में बहुत नफरत पैदा कर उन्हें शैतान बना दिया गया है।’
‘जले हुए बच्चों और उनके सिर। पूरे परिवार के सिर काट देने की इन सभी तस्वीरों को देखना वास्तव में अमानवीय है। मैं इजरायल के लोगों को जानता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि हम लोग ऐसे नहीं हैं। सालों से वे हम पर रॉकेट दाग रहे हैं। यदि हमने उनसे लड़ना बंद कर दिया, तो वे हम सभी को मार डालेंगे। लोग सोचते हैं कि यह गाजा पर कब्जे की लड़ाई है, लेकिन ये जंग जमीन से भी ज्यादा है। वो लोग चाहते हैं कि इजरायल का यहां से नाम मिट जाए। वहां के लोग वहां चुनाव नहीं करना चाहते।’
‘मेरी परिचित एक महिला की बच्ची को किडनैप कर लिया गया। फिर आतंकवादियों ने उस बच्ची के फोन से उसकी मां को फोन किया और कहा- पहले इसके साथ रेप करूंगा, फिर मार दूंगा।’ ‘फोन पर ऐसा सुनना बहुत दर्दनाक है। मेरे पास ऐसी कई दुखद कहानियां हैं। अब बहुत से लोग मरने वाले हैं, इन आतंकवादी हमलों के कारण। मेरा एक दोस्त था जो गाजा पट्टी के पास साउथ इजरायल के सभी गांवों को मुक्त कराने के लिए लड़ रहा था। वो इस लड़ाई में मारा गया। यह बहुत दुखद है।’
‘हम हैरान हैं कि हमारी सरकार ने देश के साथ ऐसा कैसे होने दिया? यह बहुत चौंकाने वाला है, किसी ने भी ऐसा होने की उम्मीद नहीं की थी। हमारे पास एक बहुत मजबूत सैन्य बल है, एक मजबूत सरकार है। यह बहुत अजीब है कि उनकी नाक के नीचे हमास ने ये कर दिया।’ तभी स्टार्क की बात को बीच में काटते हुए उसकी बहन लीला बोली, लेकिन अब इजरायल सरकार और सेना कह रही है कि हमास एक साल से इस हमले की योजना बना रहा था। मतलब यह अच्छी तरह से प्लान किया गया था। हमास के सैनिकों को ईरान और लेबनान में प्रशिक्षित किया गया था, वे अच्छी तरह से प्रशिक्षित थे, उनके पास बहुत सारी तकनीक थी और वे बमबारी करने में कामयाब रहे। हाईटेक हथियार और मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ वो इजरायल में अंदर घुसे। उन सभी सैनिकों को मारा जो सीमा पर नजर रख रहे थे।
ओवल : तेल अवीव में मेरे कई दोस्त मारे गए
‘मेरा नाम ओवल है और मैं इजरायल के तेल अवीव शहर से हूं। इस समय मेरे देश की स्थिति बहुत खराब है। मेरे सभी दोस्त युद्ध के मैदान में मोर्चे पर हैं। वे सभी देश के लिए लड़ रहे हैं और उनमें से कुछ मारे भी गए हैं। अभी भी वहां रोजाना शहर में रॉकेट और मिसाइल गिर रहे हैं।’ ‘मैं फिलहाल भारत में हूं पर इजरायल में मौजूद मेरे एक दोस्त ने मुझे फोन पर बताया कि उसकी आंखों के सामने हमास के लोगों ने उसके दोस्त को सिर में गोली मार दी। मेरे कई दोस्त मारे जा चुके हैं तो कई इन हमलों में घायल हुए हैं।’
‘हमास और इजरायल में पहले भी युद्ध हुए हैं। कभी मर्डर, किडनैप और मारपीट भी होती रही हैं, इसके अलावा छिटपुट घटनाएं भी अक्सर होती थीं, लेकिन इस बार जो हुआ वो भयानक था। हमास के एक हजार से अधिक चरमपंथी लोगों ने हमारे देश में घुसकर हर किसी को गोली मारी। महिलाओं और बच्चियों का किडनैप किया, उनके साथ रेप किया और निर्दयता से मार दिया।’ ‘हम इजरायली तो शांति से रहना चाहते हैं, अब पता नहीं वहां शान्ति कैसे होगी? शायद अब भगवान ही जानें। हर बार हमने शांति के लिए कदम उठाए हैं। हर बार हमास ने इसे बिगाड़ने का प्रयास किया है। इस बार जो हुआ है, उसे देखकर मेरे देश ने शांति की उम्मीद खो दी है। अब इजरायली शांति से पहले खुद की और अपने बच्चों व लोगों की जिंदगी बचाना चाहते हैं।’
‘हमारी जान हमास के हमेशा के लिए खात्मे से ही बचेगी। हम यहां भारत में सेफ हैं पर जब अपने बच्चों और परिवार के लोगों से फोन पर ये सुनते हैं कि उनकी जिंदगी संकट में है और उनके चारों तरफ रॉकेट और बम बरस रहे हैं तो बहुत दर्द होता है। ये दर्द अभी मैं और मेरे दूसरे दोस्त भी महसूस कर रहे हैं।’ ‘मैं भी इजरायल जाने वाला हूं, वहां लड़ने के लिए और अपना सब कुछ देश को देने के लिए। भले ही इसमें मेरी जान ही क्यों न चली जाए। इस संकट की घड़ी में भारत हमें गले लगा रहा है, प्यार दे रहा है। इसके लिए भारत और भारतीयों का शुक्रिया।’
इलाही – साउथ इजरायल के छोटे से गांव का रहने वाला
‘मैं इजरायल के साउथ पार्ट में एक बहुत ही सुनसान हिस्से में रहता हूं। वहां मेरा परिवार और बहुत सारे दोस्त खतरे में हैं। अभी हम भारत में महफूज हैं, लेकिन वहां की चिंता हमें भयभीत कर देती है। हम लंबे समय से इस तरह के आतंक से वहां जूझ रहे हैं।’ ‘यह पहली बार है जब हमास ने दुनिया को अपना असली चेहरा दिखाया है कि वे खूंखार आतंकवादी संगठन हैं। जो आईएसआईएस या बोको हरम जैसे दुनिया भर के किसी भी अन्य आतंकवादी संगठन जितना ही खतरनाक और शैतानी हैं।’
‘इजरायल में हुई उस पार्टी में कई लोग मेरे दोस्त और जान-पहचान के भी थे। कई मेरे स्कूल जूनियर्स भी वहां एंजॉय कर रहे थे। मेरे चार-पांच दोस्त उस पार्टी में जिंदा बच गए थे, जब उन्होंने वापिस जाकर देखा तो उन्हें दो दिन पहले ही हमारे दोस्तों के शव मिले हैं। वो दोनों दोस्त हमारे साथ स्कूल में थे।’ ‘मेरे पास भी रिजर्व फोर्स में पहुंचने का आदेश आया था। फिलहाल मेरी बीमारी के कारण मैंने इसे रद्द कर दिया है। जब मैं एक सप्ताह या उसके आसपास ठीक हो जाऊंगा, तो मैं वहां जाऊंगा। देश की रक्षा के लिए अपना काम करूंगा।’
‘अब बेंजामिन नेतन्याहू ने पूरी दुनिया से कहा है कि हम लड़ेंगे और हमास को पूरी तरह खत्म कर देंगे। वे यही कह रहे हैं और वास्तव में हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह इस मामले का अंत होगा, क्योंकि अब या तो हम रहेंगे या हमास। इस बर्बरता और आतंकवाद के लिए कोई अन्य समाधान नहीं है। बच्चों को मारना, उन्हें काटकर जिंदा जला देना, ऐसे शैतानों को मारना ही होगा। अब कोई समाधान नहीं है, इसलिए अब हम वास्तव में उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार अपने शब्दों पर कायम रहेगी।’
‘इजरायली लोग इस समय बहुत गुस्से में हैं और वे पीड़ित हैं, वे बहुत पीड़ित हैं। इजराइलियों को अब न सिर्फ अपने देश में बल्कि दुनिया भर में सतर्क रहने की जरूरत है। हां, हम भारत और खासकर पुष्कर में सेफ महसूस करते हैं। यहां हमें लोगों ने प्यार दिया है और अपने सीने से लगाया है।’
साभार : दैनिक भास्कर
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं