देहरादून. उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने की जद्दोजहद लगातार जारी है. आज रेस्क्यू ऑपरेशन का 14वां दिन है. रेस्क्यू में आ रही मुश्किलों के चलते मजदूरों के परिजनों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है. 46 मीटर से ज्यादा की ड्रिलिंग हो चुकी है. अभी 10 मीटर से अधिक की खुदाई बाकी है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कब तक टनल से बाहर निकलेंगे ये मजदूर?एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि टनल में फंसे मजदूरों को निकालने का प्रयास लगातार जा रही है. हर कोई एक ही बात कर रहा है कि ऑपरेशन कब खत्म होगा. हम जैसे जैसे आगे बढ़ रहे हैं ऑपरेशन जटिल होता जा रहा है. हमने आपको कभी समयरेखा नहीं दी है. आप जब कभी भी पहाड़ों के साथ काम करते हैं तो आप कुछ भी भविष्यवाणी नहीं कर सकते. यह बिल्कुल युद्ध जैसी स्थिति है.
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी दी है कि ऑगर मशीन पाइप के बाहर आने के बाद ही इस रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाया जा सकेगा. इसमें अभी भी 24 से 36 घंटे का समय और लग सकता है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे में 8 राज्यों के कुल 41 मजदूर सुंरग में फंसे हैं. मौके पर पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्वास है कि जल्त मजदूर अपने घर पर होंगे. सीएम ने बताया कि अब ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम नहीं हो रहा है. मशीन की मरम्मत नहीं की जा सकती. हो सकता है तो सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा. सीएम ने बताया कि सभी मजदूर ठीक है.
ऑस्ट्रेलियाई टनल एक्सपर्ट आर्नोल्ड डिक्स ने कहा ऑगर मशीन के ब्लेड टूट जाते हैं तो अब ऑगर से ड्रिलिंग नहीं हो पाएगी. अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि अगर मशीन के ब्लेड खत्म हुए तो मशीन का काम खत्म हो जाएगा. अभी मैनुअल ड्रिलिंग का ऑप्शन बचा है. आठ-दस मीटर की ड्रिलिंग और बाकी है. ऑगर का ब्लेड काटकर निकालना भी एक बड़ी चुनौती है. उत्तरकाशी में टनल की ड्रिलिंग बार-बार रोकी जा रही है. मशीन में खराबी की वजह से समस्या आ रही है. अबतक हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग चल रही थी लेकिन बीआरओ को नई मशीन घटनास्थल पर पहुंचाने का निर्देश दिया गया है, जिससे वर्टिकल ड्रिलिंग की जा सके. अगर यह मुमकिन होता है तो संभव है कि मजदूरों को जल्द रेस्क्यू किया जा सकता है.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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