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इजरायल ने आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार गिराया

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तेल अवीव. इजरायल ने हवाई हमले में चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को मार दिया है। इजरायली ने शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हमले में हसन नसरल्लाह के साथ हिजबुल्लाह के कई शीर्ष कमांडर भी मारे गए हैं। नसरल्लाह की हत्या ईरान समर्थित लेबनानी मिलिशिया के लिए बड़ा झटका होगी। नसरल्लाह ने 32 वर्षों तक हिजबुल्लाह का नेतृत्व किया है। आइए जानते हैं कि नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह का क्या होगा। हाल ही में इजरायली हमले में हिजबुल्लाह के अधिकांश शीर्ष कमांडर मारे गए हैं। इन हमलों के बाद से संगठन की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल उठे हैं, लेकिन नसरल्लाह की जगह लेना इन मौतों की तुलना में समूह के लिए कहीं अधिक बड़ी चुनौती होगी।

हिजबुल्लाह को एक साथ रखने वाला चेहरा

बेरूस में कार्नेगी मिडिल ईस्ट सेंटर के डिप्टी रिसर्च डायरेक्टर मोहनद हेज अली ने नसरल्लाह की मौत की पुष्टि से पहले टाइम्स ऑफ इजरायल को बताया था कि इस हत्या से ‘पूरा परिदृश्य बहुत बदल जाएगा।’ हेज अली ने कहा कि नसरल्लाह ‘एक गोंद की तरह है, जिसने इस विशाल संगठन को एक साथ रखा है।’ हिजबुल्लाह की स्थापना 1980 के दशक में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने की थी। तब से ईरान से इसे ट्रेनिंग से लेकर हथियार तक मुहैया होते रहे हैं। हेज अली ने नसरल्लाह के महत्व को बताते हुए कहा, ‘लेबानान के शियाओं के लिए वह एक महान शख्सियत बन गए थे।’ नसरल्लाह ने हिजबुल्लाह की कमान तब संभाली, जब इजरायल ने समूह के पूर्व प्रमुख को मार दिया था। इसके बाद से ही उनके ऊपर लगातार हत्या का खतरा बना हुआ था।

मौत से क्या होगा असर?

लंदन में चैथम हाउसी पॉलिसी इंस्टीट्यूट की एसोसिएट फेलो लीना खतीब का कहना है कि नसरल्लाह की मौत से हिजबुल्लाह खत्म नहीं होगा। लेकिन यह समूह के मनोबल के लिए एक बड़ा झटका होगा। साथ ही इजरायल की सुरक्षा और सैन्य श्रेष्ठता को भी साबित करत है। नसल्लाह की मौत का हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमता पर क्या असर होगा, यह भी साफ नहीं है। नसरल्लाह की हत्या के बाद हिजबुल्लाह निश्चित रूप से दबाव में होगा। खतीब का कहना है कि इजरायल इस दबाव को एक नई यथास्थिति में बदलना चाहेगा, जिसमें उसका उत्तरी इलाका सुरक्षित हो। हालांकि, यह जल्दी नहीं होगा। हिजबुल्लाह और इजरायल बीते साल 8 अक्टूबर से एक दूसरे के खिलाफ गोलीबारी कर रहे हैं, जिसके चलते उत्तरी इलाके से बहुत से इजरायलियों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा है।

कौन बनेगा उत्तराधिकारी?

शिया समूहों के विशेषज्ञ फिलिप स्मिथ ने कहा कि नेता को लेबनान में संगठन के भीतर और साथ ही ईरान में इसके समर्थकों का समर्थन हासिल करना होगा। हिजबुल्लाह के एक करीबी सूत्र ने बताया है कि नसरल्लाह के वारिस माने जाने वाले हाशेम सफीद्दीन शुक्रवार के हमले के बाद भी जिंदा थे। हिजबुल्लाह के राजनीतिक मामलों की देखरेख करने वाले सफीद्दीन नसरल्लाह के चचेरे भाई हैं। नसरल्लाह की तरह ही वे भी मौलवी हैं, जो पैगम्बर मोहम्मद के वंशज होने का संकेत देते हुए शिया नेताओं की तरह काली पगड़ी पहनते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने 2017 में सफीद्दीन को आतंकवादी घोषित किया था।

साभार : नवभारत टाइम्स

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