बेयररूत. इजरायल को आंख दिखाने वाले हिजबुल्लाह को हसन नसरल्लाह का उत्तराधिकारी मिल गया. ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह ने डिप्टी सेक्रेटरी जनरल शेख नईम कासिम को अपना नया चीफ चुना है. हिजबुल्लाह ने मंगलवार को ऐलान किया कि उसने हसन नसरल्ला की मौत के बाद नईम कासिम को अपना नया नेता चुना है. जब से इजरायली हमले में नसरल्लाह गया, तब से नईम कासिम ही संगठन के कार्यवाहक प्रमुख के तौर पर काम कर रहा था. हसन नसरल्लाह 27 सितंबर को बेरूत में इजरायली हवाई हमले में मारा गया था.
हिजबुल्लाह ने एक बयान जारी कर बताया कि उसकी शूरा काउंसिल ने महासचिव चुनने के अपने स्थापित तंत्र के तहत नईम कासिम को नया प्रमुख चुना है. नसरल्लाह की तरह कासिम भी शिया राजनीतिक दल और सशस्त्र समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक है. उसकी नियुक्ति ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह के लिए ऐसे नाजुक समय पर हुई है, जब इजरायली सेना अपने हमले से उसे हिलाकर रख दिया है. कासिम पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है. अमेरिका समेत पश्चिम के कई देश हिजबुल्लाह को एक आतंकवादी समूह मानते हैं.
कौन हैं हिजबुल्लाह के नए चीफ कासिम?
नईम कासिम का जन्म दक्षिणी लेबनान के कफर फ़िला शहर में हुआ था. उसने लेबनानी विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान की पढ़ाई की और उसके बाद कई वर्षों तक रसायन विज्ञान के शिक्षक के रूप में काम किया. इस दौरान उसने धार्मिक अध्ययन भी जारी रखा. उसने लेबनानी यूनियन फॉर मुस्लिम स्टूडेंट्स की स्थापना में भाग लिया, यह संगठन छात्रों के बीच धार्मिक पालन को बढ़ावा देने का काम करता है.
हिजबुल्लाह में कैसे आया
1970 के दशक में नईम कासिम मूवमेंट ऑफ द डिसपोस्सेस्ड में शामिल हो गया. यह एक राजनीतिक संगठन था, जिसकी स्थापना इमाम मूसा सदर ने की थी. इसका मकसद लेबनान के ऐतिहासिक रूप से उपेक्षित और गरीब शिया समुदाय के लिए अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व पर जोर देना था. यह संगठन बाद में अमल आंदोलन में बदल गया, जो लेबनान के गृहयुद्ध के दौरान मुख्य सशस्त्र समूहों में से एक था और अब एक शक्तिशाली राजनीतिक दल है. इसके बाद कासिम ईरान के समर्थन से बनाए गए नए हिजबुल्लाह में शामिल हो गया. हिजबुल्लाह 1982 में इजरायल की मदद से लेबनान पर आक्रमण और देश के दक्षिणी क्षेत्र पर कब्जे के बाद बना था. 1991 से उसने हिजबुल्लाह के उप महासचिव के रूप में कार्य किया.
साभार : न्यूज़18
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