चेन्नई. चक्रवात फेंगल के कारण तमिलनाडु के विल्लुपुरम बाढ़ की चपेट में है। तमिलनाडु के उत्तरी तटीय क्षेत्र और पुडुचेरी में चक्रवाती तूफान का असर सोमवार को कम हो गया। विल्लुपुरम और आसपास के गांवों को बारिश का खामियाजा भुकतना पड़ रहा है। बाढ़ का पानी निचले इलाकों में बढ़ने लगा है। विल्लुपुरम में विक्रावंडी और मुंडियामपक्कम के बीच एक पुल पर पानी के खतरे के स्तर से ऊपर बढ़ने के कारण दक्षिणी रेलवे ने सोमवार सुबह रेल सेवाओं को निलंबित करने की घोषणा की। स्थिति को देखते हुए कई ट्रेनों को रद्द किया गया, जिसमें एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें शामिल हैं। धर्मपुरी और कृष्णागिरी जिले भी बाढ़ से प्रभावित हैं। भारी बाढ़ के कारण उथंगराई से कृष्णागिरि और तिरुवन्नामलाई जैसे शहरों तक सड़क क्षतिग्रस्त हो गई।
पुडुचेरी में नुकसान का आकलन
बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान फेंगल के कारण तमिलनाडु और पुडुचेरी में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी ने बताया कि चक्रवात फेंगल से हुए नुकसान का आकलन करते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। राज्य गृह मंत्री ए नमस्सिवायमने एक विज्ञप्ति में कहा कि सोमवार को सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखे जाए। 30 नवंबर को पुडुचेरी के पास भूस्खलन के बाद रविवार को चक्रवात का असर कम हो गया।
भारी बारिश ने केंद्रशासित प्रदेश को बुरी तरह से प्रभावित किया। बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों को बचाने के लिए सेना के जवानों को आगे आना पड़ा। बारिश के कारण चार लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा, चक्रवात के कारण पूरे क्षेत्र में बिजली गुल रही। हालांकि सोमवार को बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई। भारी बारिश के कारण बिजली विभाग के कुछ सब-स्टेशनों में भी जलभराव हो गया, जिसे हटाने के लिए तत्काल कदम उठाए गए।
वेंकट नगर, कामराज नगर, वल्लालर सलाई, कामराजार सलाई और कई आवासीय कॉलोनियों में पानी भर गया। रविवार को मुख्यमंत्री ने बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन ने भी बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। पुडुचेरी के जिला कलेक्टर ए कुलोथुंगन ने सोमवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सबसे भारी बारिश दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि पिछले 50 वर्षों के दौरान केंद्रशासित प्रदेश में इतनी बारिश दर्ज की गई है।
साभार : अमर उजाला
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