स्वतंत्रता पूर्व की भारतीय पत्रकारिता का एक उद्देश्य था, देश की स्वतंत्रता। गणेश शंकर विद्यार्थी व बाल गंगाधर तिलक जैसे पत्रकारों ने अपना पूरा जीवन इस ध्येय को प्राप्त करने में लगा दिया। स्वतंत्रता के बाद पत्रकारिता मीडिया जगत बनने की ओर अग्रसर होने लगी। प्रारंभ में इसकी गति थोड़ी धीमी थी लेकिन पिछले दो दशकों से पत्रकारिता के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आये, अब यह व्यवसायिक हो गई है। पत्रकारिता में समय के साथ आवश्यक बदलाव के लिए बड़ी संख्या में संसाधनों की आवश्यकता का अनुभव किया गया। इसको देखते हुए पत्रकारिता का मीडिया जगत के रूप में व्यवसायिक होना ठीक ही लगता है, किन्तु इस कारण हम गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे पत्रकारों के द्वारा स्थापित सिद्धांतों को भूलते जा रहे हैं।
यद्यपि आज भी कई लोग ऐसे हैं जो पत्रकारिता का प्रयोग आम जन मानस के लिए करना चाहते हैं या अपने जीवन में कर रहे हैं। ऐसे ही पुण्य आत्मा थे स्मृति शेष श्रीकांत जोशी। उन्हें आदर्श मानकर हमने निर्णय लिया की मीडिया जगत का एक ऐसा उपकरण बनाया जाए, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता में समन्वय स्थापित कर सकें। इसी विचार के साथ हम 21 दिसम्बर 2018 को आप सभी के सम्मुख आये थे। मातृभूमि समाचार भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के अंतर्गत पंजीकृत (पं. सं. : उद्यम-यूपी-43-0001206) है। वर्तमान में मातृभूमि समाचार के पोर्टल के साथ ही, इसका यूट्यूब चैनल भी निरंतर कार्य कर रहा है। इस यात्रा में हमें विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, मुख्तार अब्बास नक़वी, नरेंद्र सिंह तोमर व पुरषोत्तम रुपाला तथा मुख्यमंत्रियों जयराम ठाकुर, अशोक गहलोत व अरविंद केजरीवाल की शुभकामनाएं भी प्राप्त हुई हैं। मातृभूमि समाचार न्यूज प्रदाता ऋतं ऐप का पार्टनर पोर्टल बन गया है। मातृभूमि समाचार ने कई कार्यक्रमों में मीडिया पार्टनर के रूप में भी भाग लिया है। इस कालखण्ड में मातृभूमि समाचार ने प्रयास किया कि विश्व के प्रत्येक कोने में, जहाँ हिंदी भाषी हैं, वहां तक पहुँच सके। इसमें हमें कुछ हद तक सफलता भी मिली है।
अभी तक के कार्यकाल में हम विश्व के 193 देशों में से 150 से अधिक देशों तक पहुँचने में सफल रहे हैं। हिन्दुस्थान के लगभग सभी प्रदेशों में हम अब तक पहुँच चुके हैं। मातृभूमि समाचार ने सोशल मीडिया पर भी अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहा है। वर्तमान में मातृभूमि समाचार गूगल समाचार ऐप, डेली हंट ऐप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, शेयरचैट व कुटुंब ऐप पर उपलब्ध है। इस निरंतर चलने वाली यात्रा में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
स्मृतिशेष श्रीकांत जोशी
(21 दिसम्बर 1936 – 8 जनवरी 2013)
मातृभूमि समाचार का मार्गदर्शक मंडल
श्याम जी शुक्ल
वरिष्ठ पत्रकार
मातृभूमि समाचार का संपादक मंडल
संपादक – सारांश कनौजिया सह संपादक – संजय सक्सेना
उप संपादक – गौरव शर्मा विशेष संवाददाता – कुलदीप शर्मा