नई दिल्ली (मा.स.स.). ‘आत्मनिर्भर भारत’ के एक उदाहरण के रूप में, भारत को इस बात पर गर्व है कि नई संसद, लोकतंत्र का मौजूदा मंदिर जो जल्द ही अपने 100 वर्ष पूरे कर रहा है, उसे अब हमारे ही लोगों, हमारे अपने “कारीगरों” (कामगारों) द्वारा बनाया जा रहा है। इन कामगारों के प्रयासों को मान्यता देते हुए, कौशल …
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