नई दिल्ली (मा.स.स.). भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाइयां यानी इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ), चेन्नई, कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्टरी (आरसीएफ), रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्टरी (एमसीएफ), चित्तरंजन स्थित चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू), वाराणसी स्थित बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू), पटियाला स्थित पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स (पीएलडब्ल्यू), बेंगलुरु स्थित रेल व्हील फैक्टरी (आरडब्ल्यूएफ) और बेला स्थित रेल व्हील प्लांट 2022-23 में रिकॉर्ड उत्पादन हासिल करने की प्रक्रिया में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
रेलवे की सभी उत्पादन इकाइयाँ उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। वे भारतीय रेलवे की इंजन और सवारी डिब्बों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए आपूर्ति कर रही हैं। सभी उत्पादन इकाइयों को नवीनतम एम एंड पी, शेड और सुविधाओं के रूप में आधुनिकीकरण के लिए निवेश मिलना जारी है। यहां तक कि कोविड के दौरान भी, रेलवे उत्पादन इकाइयों ने कोविड के लिए निर्धारित मानदंडों का पालन करते हुए कोचों का उत्पादन करके रेलवे क्षेत्र को सहयोग देना जारी रखा।
आईसीएफ, आरसीएफ और एमसीएफ कोच निर्माण इकाइयाँ हैं जो वंदे भारत, एलएचबी, ईएमयू, एमईएमयू, विस्टाडोम और अन्य कोच बना रही हैं। यह श्रेय आईसीएफ को जाता है जिसने पहला स्वदेशी ट्रेनसेट केवल 18 महीनों में डिजाइन और निर्मित किया गया था और इसे टी18 कहा जाता है। ऐसी दो ट्रेनें पहले से ही दिल्ली-वाराणसी और दिल्ली-कटरा के बीच चल रही हैं। अब वंदे भारत के नए संस्करण का परीक्षण चल रहा है। प्रधानमंत्री की परिकल्पना के मुताबिक भारतीय रेल 23 अगस्त तक 75 अन्य वंदे भारत ट्रेनों को शामिल करने की योजना बना रहा है।
सीएलडब्ल्यू, बीएलडब्ल्यू और पीएलडब्ल्यू लोकोमोटिव निर्माण इकाइयाँ हैं। आज वे उन्नत इलेक्ट्रिक इंजन यानी डब्ल्यूएजी9 और डब्ल्यूएपी7 का निर्माण कर रही हैं। इन उत्पादन इकाइयों में जल्दी ही आधुनिक ऊर्जा कुशल 12000 हॉर्सपावर और 9000 हॉर्सपावर के बनाए जाएंगे। इसके अलावा आरडब्ल्यूएफ और आरडब्ल्यूपी पहियों और पहियों का उत्पादन करने वाली इकाइयाँ हैं, जो हर प्रकार के इंजन और सवारी डिब्बों की आपूर्ति कर रही हैं। रेल व्हील प्लांट बेलापुर और रेल व्हील फैक्टरी येहलांका ने मिलकर इस वित्तीय वर्ष (अगस्त तक) में 92118 पहियों का उत्पादन किया है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान उत्पादन किए गए पहियों की तुलना में 6.5 गुना अधिक है। इसी प्रकार इसी अवधि के दौरान रेल एक्सल का उत्पादन 7 प्रतिशत बढ़ा है।
पिछले वर्ष 2021-22 में सभी उत्पादन इकाइयों ने रिकॉर्ड उत्पादन हासिल किया। पिछले साल एलएचबी में कोच उत्पादन में 45 प्रतिशत और लोको उत्पादन में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस वर्ष 22-23 में उत्पादन इकाइयों को अधिक उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। कुछ आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं के बावजूद, सभी इसे हासिल करने के लिए तैयार हैं। सरकार की अगले 10 वर्षों में रेलवे की मालभाड़ा बाजार हिस्सेदारी को वर्तमान के 28 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक ले जाने की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके लिए, क्षमता वृद्धि, इंजन और सवारी डिब्बों का आधुनिकीकरण, विश्व स्तरीय स्टेशनों और पटरियों आदि के लिए धन उपलब्ध कराया गया है। तदनुसार उत्पादन इकाइयों द्वारा बड़ी संख्या में वंदे भारत और 3-फेज ईएमयू और एमईएमयू जैसे आधुनिक इंजन और सवारी डिब्बों का उत्पादन किया जाएगा।
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