मंगलवार, दिसंबर 03 2024 | 10:55:27 AM
Breaking News
Home / राज्य / पूर्वोत्तर भारत / असम के कुल 306 बच्चों को मिला स्वस्थ बाल पुरस्कार

असम के कुल 306 बच्चों को मिला स्वस्थ बाल पुरस्कार

Follow us on:

गुवाहाटी (मा.स.स.). असम में 14 लोकसभा क्षेत्रों के 33 जिलों के कुल 306 बच्चों को स्वस्थ बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। असम के मुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री ने 5वें राष्ट्रीय पोषण माह के उद्घाटन समारोह में 1 सितंबर, 2022 को 10 बच्चों को राज्य स्तर पर स्वस्थ बाल पुरस्कार प्रदान किये। पूरे भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण की पहल को ध्यान में रखते हुए, असम ने “कुपोषण मुक्त असम” के लक्ष्य को साझा किया। आंगनबाडी केन्द्रों के 20 स्वस्थ बच्चों को लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के स्तर पर “स्वस्थ बालक” पुरस्कार के रूप में सम्मानित किया जाना था।

6 माह से 3 वर्ष तथा 3 से 5 वर्ष आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों की पहचान करने के क्रम में पोषण पखवाड़ा-2022 के तहत 21 मार्च से 27 मार्च के दौरान वजन और ऊंचाई की माप के लिए पूरे राज्य में बच्चों के विकास की निगरानी की गई और बच्चों के विकास की माप के लिए जागरूकता पैदा करने के साथ अभियान चलाया गया। पोषण पखवाड़ा के दौरान संबंधित जिले से सभी आईसीडीएस परियोजना को कवर करने वाले प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीस स्वस्थ बच्चों की पहचान की गई। यह असम के मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य सामाजिक जागरूकता में वृद्धि करने के माध्यम से पोषण में सुधार करना है।

स्वस्थ बाल पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य है:

1) 6 माह से 3 वर्ष तथा 3 से 5 वर्ष आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों की पहचान करना तथा बच्चों के विकास की माप के लिए जागरूकता पैदा करना और अभियान चलाना।

2) माता-पिता के बीच अपने बच्चे के स्वास्थ्य और भलाई के लिए रचनात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना, स्वस्थ बच्चों के माता-पिता को प्रोत्साहित करना।

3) बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में समुदाय को संवेदनशील बनाना और आहार विविधता एवं उम्र के अनुकूल भोजन का महत्व जैसी सामाजिक जागरूकता के माध्यम से शिशुओं / बच्चों के पोषण में सुधार करना।

4) राज्य में स्वास्थ्य और पोषण कल्याण के लिए सामुदायिक भागीदारी को संगठित करना।

स्वस्थ बच्चे की पहचान करने की विधि

आंगनबाडी कार्यकर्ता (एडब्ल्यूडब्ल्यू)/सहायिका (एडब्ल्यूएच) द्वारा तौल पैमाना और स्टेडियोमीटर या शिशुमापी की सहायता से लक्षित समूह में बच्चों का वजन और ऊंचाई/लंबाई मापना। बच्चों का वजन मापने के बाद डब्ल्यूएचओ की विकास सारणी में सही तरीके से अंकित करके स्वस्थ बच्चों की पहचान करना। संबंधित पर्यवेक्षकों/ब्लॉक पोषण टीम ने पूरी प्रक्रिया में एडब्ल्यूडब्ल्यू/ एडब्ल्यूएच का मार्गदर्शन किया। पहचान किये गए स्वस्थ बच्चों के विवरण को निर्धारित प्रारूप में सूचीबद्ध किया गया।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://vyaparapp.in/store/Pustaknama/15

https://www.meesho.com/hindi-paperback-history-books/p/2r4nct

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

हर कोने में बसे बाबर को लात मारकर भगाएंगे : हिमंत बिस्वा सरमा

रांची. असम के मुख्यमंत्री व झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा …