मुंबई (मा.स.स.). आयकर विभाग ने कृषि और कपड़ा व्यवसाय में लगे एक समूह तथा एंट्री ऑपरेटर्स के एक अन्य समूह पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। मुंबई और दिल्ली एनसीआर में तलाशी कार्रवाई के दौरान कुल 27 परिसरों पर छापे मारे गए।तलाशी अभियान के दौरान, मूल दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सबूत मिले और जब्त किए गए।
जांच में पाया गया कि मुख्य समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का ज्यादातर कारोबार सर्कुलर ट्रेडिंग के जरिए हुआ है। समूह के प्रमोटर स्टॉक ब्रोकरों की मदद से शेयर बाजारों में समूह की कुछ कंपनियों के प्रदर्शन के व्यवस्थित हेरफेर में शामिल थे। कुछ स्टॉक ब्रोकरों को बिना बही-खातों में दर्ज किए गैरकानूनी तरीके से भुगतान किया गया। ऐसी सभी अनियमितताओं को प्रमोटर और स्टॉक ब्रोकर दोनों ने स्वीकार किया है। समूह को एक पेशेवर व्यक्ति द्वारा भी समर्थन दिया जाता है, जो मुख्य रूप से नकदी के बदले कई अन्य समूहों को एकोमोडेशन एंट्रीज प्रदान करने के काम में लगा है।
इन साक्ष्यों से यह भी पता चला है कि समूह ने विभिन्न सामग्रियों की फर्जी खरीद का दावा करके भारी मात्रा में नकदी अर्जित की है, जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक की पैकिंग सामग्री भी शामिल है। इसके अलावा, समूह ने 150 करोड़ रूपए से अधिक मूल्य के कृषि उपकरण और कपड़ों की बेहिसाब बिक्री की। हाथ से लिखी कुछ डायरियां भी बरामद और जब्त की गई हैं, जिनमें नकद लेन-देन के आंकड़े दर्ज हैं। तलाशी के दौरान उपस्थित कुछ भागीदारों और लाभार्थियों के बयानों से इसकी पुष्टि हुई है।
एक अन्य समूह के मामले में भी तलाशी ली गई जो एकोमोडेशन एंट्रीज प्रदान करने में शामिल है। यह समूह एलएलपी, कंपनियों और प्रोपराइटरशिप कंपनियों सहित विभिन्न कंपनियों का संचालन और नियंत्रण करता है तथा इनके माध्यम से वास्तविक व्यवसाय की आड़ में कटे और पॉलिश किए गए हीरों के साथ-साथ शेयरों की भी बिक्री और खरीद की एकोमोडेशन एंट्री देता है। समूह के मुख्य अधिकारियों ने शपथ के तहत दिए अपने बयान में स्वीकार किया है कि वे विभिन्न लाभार्थियों के लिए धन के बदले खर्च और असुरक्षित ऋण के संबंध में एकोमोडेशन एंट्री की व्यवस्था करते हैं।
इस समूह के कारोबार के कुछ वर्षों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि इन संस्थाओं के माध्यम से फर्जी ऋण और कुछ सौ करोड़ से अधिक के खर्च की एकोमोडेशन एंट्रीज दिखाकर अनियमितता की गई। तलाशी अभियान के दौरान 1.4 करोड़ रुपये की बिना हिसाब-किताब की नकदी जब्त की गई। मामलों में आगे जांच की जा रही है।