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अंक ज्योतिष

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अंक विज्ञान, मूलांक, भाग्यांक और नामांक तीन तथ्यों पर आधारित हैं मूलांक का तात्पर्य जातक के जन्म की तारीख के अंकों के योग से है। भाग्यांक का तात्पर्य जन्म की तारीख, माह और सन् के अंकों के योग से है तथा नामांक का अर्थ जातक के नाम के प्रतयेक अक्षर के लिये निर्धारित अंकों के योग से है। जब किसी व्यक्ति के मूलांक, भाग्यांक और नामांक में मित्रवत् संबंध होता है, तो उस व्यक्ति का जीवन, यश, धन, पद आदि से युक्त हो कर, उन्नति के शिखर छूता है।

          अंक 1 – स्वामी सूर्य है। जिन व्यक्तियों का जन्म 1, 10, 19, 28 तारीख को होता है, उनमें सूर्य की प्रधानता होती है। इन तारीखों में जन्में व्यक्ति का लग्न या राशि सिंह हो या मूलांक, भाग्यांक और नामांक में से किन्हीं 2 के अंकों का योग 1 है तो ऐसे व्यक्ति अपने अंक जयोतिष का अधिकतम् लाभ उठा पाते है।

          अंक 2 – स्वामी चंद्रमा है जिन व्यक्त्यिों का जन्म 2, 11, 20, 29 तारीख को होता है उमें चंद्रमा की प्रधानता होती है। इन तारीखों में जन्में व्यक्ति का लग्न या राशि कर्क हो या मूलांक, भाग्यांक और नामांक में से किन्हीं 2 के अंकों का योग 2 है तो ऐसे व्यक्ति अपने अंक ज्योतिष का अधिकतम् लाभ उठा पाते है।

          अंक 3 – स्वामी बृहस्पति है जिन व्यक्तियों का जन्म 3, 12, 21, 30 तारीख को होता है उनमें बृहस्पति की प्रधानता होती है। इन तारीखों में जन्में व्यक्ति लग्न या राशि धनु या मीन हो या मूल्यांक, भाग्यांक और नामांक में से किन्हीं 2 के अंकों का योग 3 है तो ऐसे व्यक्ति अपने अंक ज्योतिष का अधिकतम् लाभ उठा पाते है।

          अंक 4 – स्वामी सूर्य है जिन व्यक्तियों का जन्म 4, 13, 22, 31 तारीख का होता है उनमें सूर्य की प्रधानता होती है। मूलांक, भाग्यांक और नामांक में से किन्हीं 2 के अंकों का योग 4 है तो ऐसे व्यक्ति अपने अंक ज्योतिष का अधिकतम् लाभ उठा पाते है।

          अंक 5 – स्वामी बुध है जिन व्यक्तियों का जन्म 5, 14, 23 तारीख को होता है उनमें बुध की प्रधानता होती है। मूलांक, भाग्यांक और नामांक में से किन्हीं 2 के अंकों का योग 5 है तो ऐसे व्यक्ति अपने अंक ज्योतिष का अधिकतम् लाभ उठा पाते है। कुण्डली में दूसरे, पांचवे, नवें, ग्यारहवें भाव बलवान होने पर इन्हें अधिकतम् लाभ मिलता है।

          अंक 6 – स्वामी शुक्र है जिन व्यक्तियों का जन्म 6, 15, 24 तारीख को होता है उनमें शुक्र की प्रधानता होती है। मूलांक, भाग्यांक और नामांक में से किन्हीं 2 के अंकों का योग 6 है तो ऐसे व्यक्ति अपने अंक ज्योतिष का अधिकतम् लाभ उठा पाते है। कुण्डली में वृष, तुला, लग्न या राशि होने या शुक्र के मीन राशि में होने पर इन्हें अधिकतम् लाभ मिलता है।

          अंक 7 – स्वामी चन्द्रमा है जिन व्यक्तियों का जन्म 7, 16, 25 तारीख को होता है उनमें चन्द्रमा की प्रधानता होती है। मूलांक, भाग्यांक और नामांक में से किन्हीं 2 के अंकों का योग 7 है तो ऐसे व्यक्ति अपने अंक ज्योतिष का अधिकतम् लाभ उठा पाते है।

          अंक 8 – स्वामी शनि है जिन व्यक्तियों का जन्म 8, 17, 26 तारीख को होता है उनमें शनि की प्रधानता होती है। मूलांक, भाग्यांक और नामांक में से किन्हीं 2 के अंकों का योग 5 है तो ऐसे व्यक्ति अपने अंक ज्योतिष का अधिकतम् लाभ उठा पाते है। जन्मकुण्डली में बृहस्पति की शनि पर दृष्टि होने पर  उच्च श्रेणी के चिन्तक, समाजसुधारक, कल्याणकारी होते हैं।

          अंक 9 – स्वामी मंगल है जिन व्यक्तियों का जन्म 9, 18, 27 तारीख को होता है उनमें मंगल की प्रधानता होती है। मूलांक, भाग्यांक और नामांक में से किन्हीं 2 के अंकों का योग 9 है तो ऐसे व्यक्ति अपने अंक ज्योतिष का अधिकतम् लराभ उठा पाते है।

          मकान के नंबर का, वाहन के नंबर का, व्यवसाय के चयन का जीविका, वास्तु आदि पर अंकों का प्रभाव पड़ता है। अतः किसी योग्य विद्वान से अपने नाम के अक्षरों का अपने मूलांक और भाग्यांक के अनुसार परिवर्तन करा लेना चाहिए।

साभार: श्याम जी शुक्ल, मो.: 8808797111

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