नई दिल्ली (मा.स.स.). केन्द्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में एमएसएमई मंत्रालय एमएसएमई के समग्र विकास और आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के अवसर पर अपने संदेश में उन्होंने कहा कोविड-19 महामारी और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरते हुए, एमएसएमई क्षेत्र ने न केवल अपने व्यावसायिक कार्यों को डिजिटाइज़ किया, बल्कि अपनी उत्पादन लागत में भी कटौती की और आयात को कम करने वाले आवश्यक उत्पादों का घरेलू स्तर पर उत्पादन करके एक नई परंपरा शुरू की और सरकार की विभिन्न योजनाओं की सहायता से इन उत्पादों का निर्यात शुरू किया।
उन्होंने कहा कि इस दौरान, एमएसएमई ने विस्तृत बाजार तक पहुंचने के लिए अपनी ऑनलाइन सेवाओं पर ध्यान केन्द्रित किया, इस प्रकार वे प्रतिकूल परिस्थितियों को दूर करने में सक्षम हुए हैं। राणे ने कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था और निरन्तर वैश्विक विकास की रीढ़ हैं। एमएसएमई स्थानीय समुदायों को आजीविका के अवसर प्रदान करने में योगदान दे रहे हैं। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए, हर साल 27 जून को संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में “अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस” मनाया जाता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस वर्ष एमएसएमई दिवस का विषय है “लचीलापन और पुनर्निर्माण: निरन्तर विकास के लिए एमएसएमई”। विश्व एमएसएमई दिवस सरकारों को एक कारोबारी माहौल बनाए रखने की याद दिलाता है जिसमें छोटे ग्रामीण, कुटीर और पारंपरिक उद्योगों को भी फलने-फूलने का अवसर मिलता है।
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