शनिवार , अप्रेल 20 2024 | 10:38:47 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 ने ‘प्लास्टिक अपशिष्‍ट प्रबंधन’ पर श्रृंखला का हुआ आयोजन

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 ने ‘प्लास्टिक अपशिष्‍ट प्रबंधन’ पर श्रृंखला का हुआ आयोजन

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के तत्वाधान में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के अंतर्गत ‘प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन’ विषय पर राष्ट्रीय सहकर्मी शिक्षण वेबिनार श्रृंखला स्वच्छ वार्ता के चौथे संस्करण का आयोजन किया गया। इस स्वच्छ वार्ता श्रृंखला का उद्देश्य ‘अपशिष्‍ट मुक्त शहर’बनाने के अभियान के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्लास्टिक अपशिष्‍ट को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की आवश्यकता के बारे में विचार-विमर्श करना था।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपनी ‘मन की बात’ श्रृंखला के माध्यम से राष्ट्र से संवाद करते हुए निरंतर रूप से नागरिकों को प्लास्टिक प्रदूषण का सामूहिक रूप से मुकाबला करने और स्वच्छता को जीवन के आचार-विचार के रूप में अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की पहली घोषणा 15 अगस्त, 2019 को की थी और उन्‍होंने अपने ‘मन की बात’  कार्यक्रम के संबोधन के दौरान इसे दोहराया भी।

मोदी ने महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि के रूप में एकल उपयोग प्लास्टिक के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “जब हम महात्मा गांधी जी की 150वीं वर्षगांठ मनाएंगे तो हम न केवल उन्हें खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे, बल्कि भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए एक जन आंदोलन का भी शुभारंभ करेंगे… हम सभी एकल प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए गांधी जी की जयंती को एक प्रेरणा के रूप में अपनाते हुए मनाने का कार्य करें।‘’

इसके बाद से, भारतीय शहरों और राज्यों ने 1 जुलाई, 2022 से एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। प्रतिबंध लागू होने के लगभग एक महीने बाद, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 की स्वच्छ वार्ता श्रृंखला ने देश भर से शहरों, राज्यों, संगठनों और स्वच्छता चैंपियंस को प्लास्टिक अपशिष्‍ट के प्रबंधन पर की जा रही प्रगति की समीक्षा करने के लिए आमंत्रित किया। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन की संयुक्त सचिव और राष्ट्रीय मिशन निदेशक रूपा मिश्र  ने शहरों में स्थायी स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में एक उभरते वैश्विक अग्रणी देश के रूप में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला और इस संदर्भ में शहरों में हो रही प्रगति का उल्‍लेख किया।

उन्होंने कहा कि भारत जलवायु और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के समाधान की दिशा में एक सक्षम राष्‍ट्र के रूप में महत्वपूर्ण रूप से उभर रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में शुभारंभ किया गया लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट मूवमेंट (एलआईएफई) इस दिशा में एक और ऐतिहासिक अभियान है जो इसका समर्थन करता है। लाइफ अभियान सही चुनाव करने के संदर्भ में है और यह इस मिशन का एक मार्गदर्शक दर्शन भी है। एकल उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) पर प्रतिबंध पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है और यह प्रकृति के अनुरूप है। हम इसके बारे में जागरूकता जगाने के लिए एक अभूतपूर्व जन आंदोलन के साक्षी बन रहे हैं और यह तो सिर्फ एक शुरुआत है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निदेशक डॉ. सत्येंद्र कुमार ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 और इससे संबंधित संशोधनों एवं संशोधित विस्तारित सृजनात्‍मक उत्तरदायित्व प्रारूप के बारे में बात की। उन्होंने उल्‍लेख किया कि जुलाई 2022 में जिन एसयूपी वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें उपयोगिता कम और अपशिष्‍ट ज्‍यादा है। उन्‍होंने कहा कि प्लास्टिक के स्‍थायी, आर्थिक और सुलभ विकल्प तलाशना समय की मांग है। चंडीगढ़ नगर निगम की आयुक्त अनिंदिता मित्रा ने चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू करने के लिए की गईं अनूठी पहलों के बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश द्वारा एसयूपी के स्थायी विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए ‘बैक टू बेसिक्स’, सड़कों और राजमार्गों पर अपशिष्‍ट को फैलने से रोकने के लिए ‘हर गाड़ी बिन-हर गाड़ी बैग’ और मिशन के लक्ष्यों के साथ जुड़ने के लिए युवाओं को जुटाने के लिए ‘स्वच्छता पाठशाला’ जैसी पहलें की गई हैं।

दूसरी ओर, राज्य मिशन निदेशालय ने दुकानों पर जुर्माना लगाकर, बाजार संघों को प्लास्टिक मुक्त होने के लिए प्रोत्साहित करके, और वैकल्पिक सामग्री से बने पर्यावरण के अनुकूल बैग की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करके, प्लास्टिक की बोतलों के बजाय स्टील और कांच की बोतलों को बढ़ावा देने के लिए अन्य व्यापक अभियानों और जागरूकता गतिविधियों जैसे ‘सेल्फी विद बॉटल’ और सार्वजनिक नुक्कड़ नाटकों के माध्‍यम से चंडीगढ़ में प्‍लास्टिक अपशिष्‍ट से निपटने और एकल उपयोग प्‍लास्टिक पर प्रतिबंध के सफल कार्यान्वयन में योगदान दिया है।स्वच्छता के लिए जारी जन आंदोलन पर व्‍यापक दृष्टिकोण रखते हुए, रिपु दमन बेवली, जिन्हें भारत के प्लॉग मैन के रूप में भी जाना जाता है, ने प्लास्टिक की वस्तुओं को कम करने और इनका पुन: उपयोग करने से पहले इनके लिए मना करने की आदत की आवश्यकता के बारे में बताया। स्वच्छता को स्वास्थ्य से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छता के साथ फिटनेस को एक साथ लाने से प्लॉगिंग और लोकप्रिय हो गया है जिसके माध्यम से हम अपशिष्‍ट मुक्त शहरों के मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जन आंदोलन को और मजबूत कर सकते हैं।

जोमैटो इंडिया और अमेज़ॉन इंडिया द्वारा प्लास्टिक न्यूट्रल बिजनेस बनने की दिशा में की जा रही पहलों पर चर्चा करते हुए जोमैटो की प्रधान सस्टेनेबिलिटी अधिकारी अंजलि रवि कुमार और अमेज़ॉन इंडिया की पब्लिक पॉलिसी चीफ- सस्टेनेबिलिटी लीड अधिकारी शुभ्रा जैन ने विभिन्न पहलों की जानकारी दी जिन्‍हें उनकी कंपनियों द्वारा अपनाया जा रहा है। ‘अपशिष्‍ट मुक्त शहरों’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्रोत पर ही अपशिष्‍ट को पृथक करने के महत्व का उल्‍लेख करते हुए अंजलि ने कहा कि जोमैटो एक ‘अपशिष्ट मुक्त विश्व’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि प्लास्टिक सामग्री सस्ती और उपलब्ध, स्पिल प्रूफ, भोजन के लिए सुरक्षित और यह भोजन को गर्म रखती है, यह सभी बातें भारतीय बाजार को देखते हुए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उल्‍लेखनीय विषय प्लास्टिक को लैंडफिल तक पहुंचने से रोकना है और इसके लिए प्लास्टिक अपशिष्‍ट का प्रबंधन करते समय इसका स्रोत पर ही पृथक्करण और पुनर्चक्रण आवश्यक है। पिछले वर्ष जोमैटो ने हर ऑनलाइन फूड ऑर्डर के लिए कटलरी को वैकल्पिक बनाया था और यह एसयूपी प्रतिबंध लागू होने से पहले की गई एक पहल थी।

शुभ्रा ने 2040 तक पूरी तरह से शून्य कार्बन उत्सर्जन कंपनी बनने की अमेज़ॉन की प्रतिज्ञा का भी उल्‍लेख किया। उन्होंने कहा कि अमेज़ॉन इंडिया कई समाधानों पर काम कर रहा है जो प्लास्टिक अपशिष्‍ट को कम करने में मदद करेंगे। हमारा लक्ष्य विशेष रूप से एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग से आगे निकलना है। हमने पेपर-आधारित मेलर्स का उपयोग करना शुरू कर दिया है। हम प्लास्टिक टेप की बजाय अपनी पैकेजिंग के हिस्से के रूप में नए कागज-आधारित टेपों की परीक्षण और जांच भी कर रहे हैं। अमेज़ॉन इंडिया ने ‘पैकेजिंग फ्री शिपमेंट’ प्रक्रिया भी शुरू की है, जहां ग्राहक को मूल निर्माता की पैकेजिंग में उत्पाद प्राप्त होता है, न कि इसे अमेज़ॉन द्वारा की गई पैकेजिंग में फिर से पैक किया जाता है। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन उद्योग में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबंधन पर कार्यरत दो ऐसे स्टार्टअप को स्वच्छ टॉक के एपिसोड #4 में आमंत्रित किया गया था।

धारक्षा इकोसोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक अर्पित धूपर ने अपने स्टार्टअप द्वारा बनाए गए पैकेजिंग उत्पाद के बारे में चर्चा की जो न केवल वायु प्रदूषण और प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या से निपटता है अपितु यह बायोडिग्रेडेबल भी है और 60 दिनों के भीतर ही नष्‍ट हो जाता है। उन्होंने ठूंठ अपशिष्‍ट और एक प्रकार के कवक मायसेलियम का उपयोग करके पैकेजिंग सामग्री के निर्माण की प्रक्रिया की विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह उत्पाद उनके उद्योग भागीदारों द्वारा किए गए ‘स्‍ट्रेस और ड्रॉप टेस्‍ट’ के लिए सक्षम है। उन्‍होंने कहा कि पैकेजिंग सामग्री के पर्यावरणीय, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव प्लास्टिक के वैकल्पिक समाधानों की विश्वसनीयता का प्रमाण है और यह न केवल संभव हैं, बल्कि लाभदायक और पहुंच के भीतर भी हैं।

प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन उद्योग अनौपचारिक क्षेत्र द्वारा किए गए कार्यों पर बहुत अधिक निर्भर करता है। आकाश शेट्टी ने प्लास्टिक फॉर चेंज उद्योग के बारे में जानकारी साझा की। यह संगठन वैश्विक ब्रांडों को निष्पक्ष-व्यापार सत्यापित और महासागरीय प्लास्टिक प्रमाणित आपूर्ति श्रृंखलाओं से उच्च गुणवत्ता वाले पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक के स्रोत के लिए सक्षम बनाता है। प्लास्टिक फॉर चेंज प्लास्टिक अपशिष्‍ट के संग्रह, पृथक्करण और पुनर्चक्रण में शामिल अनौपचारिक क्षेत्र के कल्याण की दिशा में भी कार्य कर रहा है। अनौपचारिक पुनर्चक्रण क्षेत्र में आमतौर पर एक स्थिर आय या कार्य आश्वासन नहीं होता है। प्‍लास्टिक फॉर चेंज यह सुनिश्चित करने की दिशा में भी कार्य कर रहा है कि अनौपचारिक क्षेत्र को बैंकिंग, बीमा और अन्य महत्वपूर्ण वित्तीय मामलों के संबंध में प्रशिक्षण देकर सक्षम करने के साथ-साथ उन्हें लगातार इसका उचित मूल्य मिलता रहे।

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

निर्वाचन आयोग ने सुरजेवाला पर 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर लगाई रोक

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर चुनाव आयोग …