नई दिल्ली (मा.स.स.). पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडबल्यू) ने इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल के सहयोग से आज मुंबई में चाबहार – आईएनएसटीसी से लिंक – मध्य एशियाई बाज़ारों को जोड़ने को चिह्नित करने के लिए ‘चाबहार दिवस’ मनाया। आईएनएसटीसी (इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर) रूस, यूरोप तक पहुंचने और मध्य एशियाई बाजारों में प्रवेश करने के लिए ईएक्सआईएम शिपमेंट के लिए लगने वाले समय को कम करने के लिए भारत की परिकल्पना और पहल है। ईरान में स्थित चाबहार बंदरगाह, इस क्षेत्र और विशेष रूप से मध्य एशिया के लिए वाणिज्यिक आवागमन का केंद्र है।
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री, श्रीपद येसो नाइक, नूरलान झालगासबायेव, कजाकिस्तान गणराज्य के राजदूत, असीन इसेव, राजदूत- किर्गिस्तान लुकमोन बोबोकलोंजोडा राजदूत ताजिकिस्तान, शालर गेल्डिनाजारोव राजदूत, तुर्कमेनिस्तान, दिलशोद अखातोव, राजदूत- उजबेकिस्तान जलील एस्लामी, प्रधानमंत्री के बंदरगाह और आर्थिक मामलों के उपमहावाणिज्यदूत (सीजी), अफगानिस्तान, जकिया वर्दाक, ईरान इस्लामी गणराज्य के डॉक्टर ए एम अलीखानी महावाणिज्यदूत, मसूद ओस्ताद हुसैन, मंत्री के सलाहकार और सड़क और शहरी विकास मंत्रालय, ईरान के अंतरराष्ट्रीय मामलों के केंद्र के प्रमुख, राजीव जलोटा, अध्यक्ष, भारतीय बंदरगाह संघ और सुनील मुकुंदन, प्रबंध निदेशक, आईपीजीएल, सहित अन्य सम्मानित अतिथियों ने इस अवसर पर उपस्थिति होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी।
सर्बानंद सोनवाल ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी परिकल्पना चाबहार में शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह को आवागमन का प्रमुख केंद्र बनाने और मध्य एशियाई देशों तक पहुंचने के लिए इसे आईएनएसटीसी से जोड़ने की है। उन्होंने कहा कि हम शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह और चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र के प्रोत्साहनों का उपयोग करने के लिए व्यवसायों और रसद कंपनियों का आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी प्रतिनिधियों और हितधारकों से भारत से ईरान और मध्य एशिया के लिए एक सस्ता, छोटा, तेज और अधिक विश्वसनीय मार्ग बनाने के लिए परिवहन समय और लागत को कम करने के सुझावों के साथ आगे आने का आग्रह करते हैं।
आयोजन के दौरान, मध्य एशियाई देशों के प्रतिनिधियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे आईएनएसटीसी के साथ चाबहार लिंक उनके क्षेत्रों में एक्जिम व्यापार को बढ़ावा देने और भूमि से घिरे देशों में विकास को और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। दिन भर चलने वाले कार्यक्रम के दौरान, कई प्रस्तुतियाँ और सरकार के साथ व्यावसायिक सत्र भी आयोजित हुए। अध्यक्ष आईपीए, एमडी आईपीजीएल, एफएफएफएआई और संयुक्त सचिव, विदेश मंत्रालय द्वारा प्रस्तुतियां और भाषण दिए गए। बैठक का समापन उन्मेश शरद वाघ, आईआरएस, निदेशक संचालन, आईपीजीएल द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।