लखनऊ. सपा नेता और पूर्व सांसद आजम खान (Azam Khan) के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam Khan) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। 15 साल पुराने मामले में दोषी ठहराए जाने और 2 साल कैद की सजा के बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द कर दी गई थी। अब्दुल्ला आजम की ओर से दोषसिद्धि पर रोक लगाने की सुप्रीम से मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि है कि रामपुर की स्वार (Rampur Swar Seat) विधानसभा क्षेत्र के चुनाव परिणाम इस याचिका के परिणाम के अधीन होंगे। इस सीट पर 10 मई को चुनाव होने वाले हैं।
सुप्रीम कोर्ट में अब्दुल्ला आजम की ओर से कहा गया कि जिस वक्त का यह मामला है उस वक्त अब्दुल्ला 15 साल के थे। जन्मतिथि देख लीजिए। उस समय के आधार पर सजा नहीं दी जा सकती। मेरी उम्र 15 साल थी मैं अपने पिता के साथ था। वह सड़क पर उतरते हैं और मैं उनके साथ बैठ जाता हूं। मुझे उनके साथ बैठने के लिए दो साल की सजा हुई है। जिस मामले में सजा सुनाई गई है वह 15 साल पहले, 29 जनवरी 2008 का है। उस दिन मुरादाबाद के छजलैट थाने में पुलिस चेकिंग कर रही थी। पुलिस के अनुसार, आजम खान की कार को भी चेकिंग के लिए रोका गया। इस पूरे मामले से नाराज होकर सपा नेता आजम खान ने सड़क पर धरना दिया। आजम खाने के साथ कई दूसरे सपा नेता भी धरने में शामिल हुए। पुलिस ने इस मामले में आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम समेत कई दूसरे नेताओं को नामजद किया था। रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक अब्दुल्ला आजम को तीन साल में दो बार अपनी विधायकी से दो बार हाथ धोना पड़ा है। तीन साल पहले भी उम्र के फर्जी प्रमाणपत्र मामले में हाईकोर्ट में अब्दुल्ला की विधायकी को रद्द कर दिया था।
साभार : नवभारत टाइम्स
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