लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कारीगरों (विश्वकर्मा) को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए शुरू हुई ‘पीएम विश्वकर्मा’ को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. 17 सितंबर से प्रदेश में लागू हुई इस योजना में अब तक सभी 18 ट्रेड्स में कुल मिलाकर करीब 76 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं. योगी सरकार के निर्देश पर कई जोन में पहले स्तर का सत्यापन कार्य जारी है तो कई जोन में दूसरे स्तर के सत्यापन की कार्यवाही शुरू हो चुकी है.
विश्वकर्मा योजना है क्या?
इस योजना के जरिए सुनार, लोहार, नाई और चर्मकार जैसे पारंपरिक कौशल रखने वाले लोगों को कई तरह से फायदे मिलेंगे. सरकार की ओर से योजना में 18 पारंपरिक कौशल वाले व्यवसायों को शामिल किया गया है, जिससे कि पूरे भारत में मौजूद ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को मदद मिलेगी.
विश्वकर्मा योजना है क्या?
इस योजना के जरिए सुनार, लोहार, नाई और चर्मकार जैसे पारंपरिक कौशल रखने वाले लोगों को कई तरह से फायदे मिलेंगे. सरकार की ओर से योजना में 18 पारंपरिक कौशल वाले व्यवसायों को शामिल किया गया है, जिससे कि पूरे भारत में मौजूद ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को मदद मिलेगी.
सरकार के अनुसार पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्रदेश सरकार को सभी ट्रेड में कुल मिलाकर 76 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें सर्वाधिक 42 हजार से अधिक आवेदन दर्जी ट्रेड में प्राप्त हुए हैं. इसी तरह मिस्त्री ट्रेड में करीब 9000, बढ़ई ट्रेड में करीब 7 हजार, लोहार ट्रेड में करीब 4 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं. नाई ट्रेड में 2600 से अधिक, मालाकार में 1500 से अधिक, हैमर और टूल किट मेकर ट्रेड में 1300 से अधिक और धोबी व टॉय मेकर में एक-एक हजार से अधिक आवेदन मिले हैं. यही नहीं फिशिंग नेट मेकर, बास्केट मेकर और कॉबलर ट्रेड में भी अच्छी-खासी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं.
साभार : जी न्यूज़
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