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अशोक गहलोत से हाईकोर्ट ने नोटिस दे मांगा 3 अक्टूबर तक जवाब

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जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस गहलोत की ओर से न्यायालय के कामकाज पर टिप्पणी को लेकर जारी किया गया है। हाईकोर्ट ने अधिवक्ता शिवचरण गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी। मुख्यमंत्री गहलोत ने एक दो दिन पहले न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के बाद वकीलों और पूर्व जजों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। पूर्व जजों ने गहलोत के बयान पर त्वरित कर्रवाई और आरोपों की जांच कराने की मांग की थी। वहीं राजस्थान के वकीलों ने शुक्रवार को न्यायिक कार्य बहिष्कार का किया था।

हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में सुनवाई, नोटिस जारी

अधिवक्ता शिवचरण गुप्ता की याचिका पर शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में सुनवाई हुई। न्यायपालिका के कामकाज और भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोती टिप्पणी को इस याचिका में गंभीर बताया गया। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री गहलोत के नाम नोटिस जारी किया। इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुनील अंबवानी ने तत्काल पूर्णपीठ की बैठक बुलाने की मांग की। इलाहबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि सीएम के पास कोई जानकारी थी तो वे पहले सीजे से बात करते। क्या सीजे से बात की गई।

बयान के बाद गुरुवार को सीएम ने दी सफाई

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाने के बाद गुरुवार को सफाई दी। कहा कि उन्होंने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान एवं उस पर विश्वास किया है। बोले, ‘मैंने ज्यूडिशियरी के करप्शन को लेकर जो कहा वो मेरी निजी राय नहीं थी। मैंने हमेशा ज्यूडिशियरी का सम्मान, उस पर विश्वास किया है। समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट के अनेकों रिटायर्ड न्यायाधीशों और रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीशों तक ने ज्यूडिशियरी में भ्रष्टाचार पर टिप्पणयां की हैं। मेरा न्यायपालिका पर इतना विश्वास है कि मुख्यमंत्री के रूप में जजों की नियुक्ति हेतु हाईकोर्ट कॉलेजियम के जो नाम हमारे पास टिप्पणी के लिए आते हैं, मैंने उन पर भी कभी कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है।’ उन्होंने कहा कि ‘मेरा स्पष्ट मानना है कि हर नागरिक को न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए’। गहलोत ने कहा कि ज्यूडिशियरी पर विश्वास करना चाहिए, इससे लोकतंत्र मजबूत होगा।’

साभार : नवभारत टाइम्स

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