नई दिल्ली. भारतीय वायु सेना लगातार मेड इन इंडिया पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वह दूसरे देशों की जगह अपने देश में बनाए गए विमानों को शामिल करने पर जोर दे रहा है। ऐसे में आज का दिन वायु सेना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और एतिहासिक दिन है। दरअसल, अब उसके बेड़े में पहला एलसीए तेज विमान शामिल हो गया है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को बंगलूरू में एलसीए तेजस ट्विन-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट सौंपा है। आइए जानते है आखिर इस एयरक्राप्ट की क्या खासियत है, जिसकी वजह से भारतीय वायु सेना अपने बेड़े के लिए एतिहासिक दिन बता रहा है।
बेंगलुरु मुख्यालय वाली कंपनी ने बताया ट्वीन सीटर यानी दो सीटों वाले इस एयरक्राफ्ट में भारतीय वायुसेना की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने की सभी क्षमताएं हैं। अगर सेना को जरूरत पड़ी तो यह स्वयं को लड़ाकू की भूमिका में भी ढाल लेगा। एलसीए तेजस दो सीटों वाला हल्के वजन का है। इसकी एक और खासियत है कि मौसम चाहे कैसा भी हो अच्छा-बुरा यह हर स्थिति में काम कर सकेगा। ऐसे में यह हर मौसम में काम करने वाला 4.5 पीढ़ी का एयरक्राफ्ट है।
यह तेजस मार्क 1 और मार्क 1ए लड़ाकू विमान के साथ एचएएल तेजस के तीन प्रॉडक्ट मॉडलों में से एक है। विमान की लंबाई 13.2 मीटर, चौड़ाई 8.2 मीटर और ऊंचाई 4.4 मीटर है। विमान की अधिकतम गति मैक 1.6 है और यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। इसमें हथियारों के लिए नौ हार्ड पॉइंट हैं।
पायलटों को दी जाएगी ट्रेनिंग
भारतीय वायु सेना में तेजस के ट्रेनर वर्जन का शामिल होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस वजर्न को उन्नत करने के लिए भारत कई सालों से काम कर रहा है। तेजस के ट्रेनर का उपयोग भारतीय वायु सेना के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाएगा। इससे विमानन उद्योग में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की प्रक्रिया में मदद मिलेगी। यह विमान भारतीय पायलटों को आधुनिक लड़ाकू विमान चलाने के लिए आवश्यक अनुभव प्रदान करेगा और इसका उपयोग भविष्य के पायलटों को अन्य भारतीय लड़ाकू विमानों के लिए प्रशिक्षित करने के लिए भी किया जाएगा।
एलसीए ट्रेनर को LT-5201
एचएएल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की ओर यह एक पहल है। इसी के साथ अब भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो क्षमताओं का निर्माण कर अपने देश को सुरक्षित कर सकते हैं। तेजस की निर्माता कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इसे मील का पत्थर बताया है। इस एलसीए ट्रेनर को LT-5201 नाम दिया गया है। जबकि इसे लीड-इन फाइटर ट्रेनर यानी LiFT भी कहते हैं।
पहले ही 18 ऑर्डर मिले हुए हैं
एचएएल को एलसीए ट्रेनर के लिए पहले ही 18 ऑर्डर मिले हुए हैं, जिनमें से आठ को 2023 से 2024 तक के बीच में वायु सेना को सौंपना है। बाकी शेष 10 एयरक्राफ्ट की 2026 और 2027 तक आपूर्ति की जाएगी। कंपनी ने कहा कि इसके अलावा भारतीय वायुसेना से भी और ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
साभार : अमर उजाला
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