सोमवार, दिसंबर 23 2024 | 12:40:12 AM
Breaking News
Home / राज्य / अन्य-राज्य / सेक्रेड ग्रोव पर्यावरण और स्थानीय जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण : द्रौपदी मुर्मू

सेक्रेड ग्रोव पर्यावरण और स्थानीय जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण : द्रौपदी मुर्मू

Follow us on:

भुवनेश्वर (मा.स.स.). भारत की राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मु ने बारीपदा, ओडिशा में महाराजा श्रीराम चंद्र भांजा देव विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि महाराजा श्रीराम चंद्र भांजा देव विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के बहुत कम समय में उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान बनाई है। राष्ट्रपति ने आदिवासी प्रथाओं और सांस्कृतिक परंपराओं के आधार को संरक्षित करने के उद्देश्य से अपने परिसर में ‘सेक्रेड ग्रोव’ की स्थापना के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि ‘सेक्रेड ग्रोव’ पर्यावरण और स्थानीय जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्राकृतिक संसाधनों के समुदाय-आधारित प्रबंधन के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व ग्लोबल वार्मिंग (भूमंडलीय ऊष्मीकरण) और जलवायु परिवर्तन की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। भारत ने प्रकृति के अनुकूल जीवन शैली अपनाने के लिए दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है, जिसे लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट या लाइफ कहा जाता है। हमारी परंपरा में माना जाता है कि पेड़-पौधे, पहाड़, नदियां सभी में जीवन है और केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि सभी जीव-जंतु भी प्रकृति की संतान हैं। इसलिए प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर रहना सभी मनुष्यों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में स्थित सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता की दृष्टि से विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक अपने अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से जैव विविधता की रक्षा का रास्ता खोज लेंगे।

छात्रों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि डिग्री प्राप्त करने का अर्थ यह नहीं है कि शिक्षा प्रक्रिया पूरी हो गई है। शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद उनमें से कुछ नौकरी करेंगे, कुछ व्यवसाय करेंगे और कुछ शोध भी करेंगे परंतु नौकरी करने की सोचने से बेहतर नौकरी प्रदान करने की सोच है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस विश्वविद्यालय ने एक इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किया है और छात्रों, पूर्व छात्रों तथा आम लोगों को स्टार्ट-अप स्थापित करने में सहायता प्रदान करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिस्पर्धा जीवन का अनिवार्य पक्ष है। जीवन के हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि छात्रों को हमेशा प्रतियोगिता में सफल होने का प्रयास करते रहना चाहिए और इसके लिए उन्हें उच्च कौशल प्राप्त करते रहना चाहिए तथा अधिक दक्षता की ओर बढ़ना चाहिए। ये अपनी इच्छा शक्ति से असंभव को भी संभव में बदल सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिस्पर्धा जीवन का स्वाभाविक पक्ष है, लेकिन सहयोग जीवन का सुंदर पक्ष है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि जीवन में आगे बढ़ते हुए जब वे पीछे मुड़कर देखेंगे तो पाएंगे कि समाज के कुछ लोग उनका मुकाबला करने के काबिल नहीं हैं। उन्होंने छात्रों को वंचितों का हाथ पकड़कर आगे लाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि उदारता और सहयोग से स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से न केवल अपने सुख और हित के बारे में बल्कि समाज तथा देश के कल्याण के बारे में भी सोचने का आग्रह किया।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

 

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

फिर खोला गया जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, 6 बक्सों में निकल चुका है खजाना

पुरी. जगन्नाथ मंदिर के चारों तरफ पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, जगह-जगह बैरिकेडिंग, मंदिर प्रांगण में भक्तों …