गंगटोक. सिक्किम के ल्होनक में 3 अक्टूबर को बादल फट गया। बादल फटने के कारण झील का एक किनारा टूट गया, जिससे तीस्ता में जल स्तर बढ़ गया और राज्य के कई इलाके जलमग्न हो गए। इस बादल फटने और उसके बाद आए फ्लैश फ्लड के कारण राज्य में भारी नुकसान हुआ। जिस दिन यह घटना हुआ उस दिन सेना के 23 जवान लापता हो गए थे। 23 जवानों में से आठ भारतीय सेना के जवानों की मौत हो गई। वहीं एक को हादसे वाले दिन ही बचा लिया गया था बाकि बचे 14 जवानों की खोज अभी चल रही है।
भारतीय सेना ने कहा कि हाल ही में सिक्किम में आई बाढ़ में शेष 14 लापता सैनिकों और अन्य नागरिकों का पता लगाने और उन्हें बचाने के लिए खोज और बचाव प्रयास जारी हैं। वहीं, भारतीय सेना ने भी हाल ही में सिक्किम में बादल फटने से आई बाढ़ में आठ जवानों की मौत पर शोक व्यक्त किया। सेना ने एक बयान में कहा कि सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और भारतीय सेना के सभी रैंक सिक्किम में एक हिमनद झील के फटने से अचानक आई बाढ़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में आठ भारतीय सेना के जवानों के दुखद निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।
‘सभी लापता जवानों की खोज और बचाव प्रयास जारी’
बयान में कहा गया कि दुख की इस घड़ी में हम शोक संतप्त परिवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं। सीओएएस और भारतीय सेना के सभी रैंकों ने भी इस दुखद घटना में नागरिकों की जान जाने पर दुख व्यक्त किया है। विज्ञप्ति में आगे कहा गया, “शेष 14 लापता सैनिकों और अन्य नागरिकों का पता लगाने और उन्हें बचाने के लिए खोज और बचाव प्रयास जारी हैं।”
साभार : दैनिक जागरण
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