नई दिल्ली (मा.स.स.). सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान के दूसरे संस्करण की घोषणा की। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान 2023 के अंतर्गत तीन श्रेणियों – प्रिंट मीडिया, टेलीविजन और रेडियो में 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में 33 सम्मान प्रदान किए जाएंगे।
- 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में11 सम्मान – “समाचार पत्रों में योग में सर्वश्रेष्ठ मीडिया कवरेज” श्रेणी के तहत प्रदान किया जाएगा।
- 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में11 सम्मान – “इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (टीवी) में योग में सर्वश्रेष्ठ मीडिया कवरेज” श्रेणी में सम्मानित किया जाएगा।
- 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में11 सम्मान – “इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (रेडियो) में योग में सर्वश्रेष्ठ मीडिया कवरेज” श्रेणी में सम्मानित किया जाएगा।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद, जिन्होंने प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरूआत करके स्वास्थ्य और संतुलित जीवन शैली को बढ़ावा दिया और योग को विश्वभर में एक जन आंदोलन बना दिया।उन्होंने कहा कि योग ने विश्व भर में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए सीमाओं और संस्कृतियों का बंधन तोड़ दिया है। शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए इसके समग्र दृष्टिकोण ने विश्व में योग के प्रति रुचि उत्पन्न की है। योग के प्रचार-प्रसार और परिवर्तनकारी क्षमता को दर्शाने में मीडिया के अथक प्रयासों के बिना यह उपलब्धि संभव नहीं हो सकती थी। उन्होंने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान का दूसरा संस्करण आयोजित करने का निर्णय लिया है।
ठाकुर ने कहा कि यह सम्मान भारत और विदेशों में योग के प्रचार-प्रसार में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करता है। इस प्राचीन अभ्यास और इसके अनेक लाभों को प्रोत्साहन देने में मीडिया की अपार शक्ति और जिम्मेदारी को पहचानना महत्वपूर्ण है। ठाकुर ने कहा कि मीडिया ने योग के प्रचार-प्रसार और इसे अपनाने में प्रेरक की भूमिका निभाई है। मीडिया ने विभिन्न आयु वर्ग, पृष्ठभूमि और क्षमताओं के लोगों के समक्ष योग को सार्वभौमिक अभ्यास के रूप में प्रस्तुत किया है। इस भूमिका को निभाने के लिए मीडिया को धन्यवाद देते हुए ठाकुर ने कहा, “मैं भारत और दुनिया भर में योग के प्रचार-प्रसार में मीडिया के अमूल्य योगदान के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मीडिया के अटूट समर्पण ने निस्संदेह योग को कल्याण की सार्वभौमिक भाषा का रूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।‘’
सम्मान की सिफारिश स्वतंत्र निर्णायक मंडल द्वारा की जाएगी। सम्मान में एक विशेष मीडिया/पट्टिका/ट्रॉफी और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होगा। दिशानिर्देशों में मीडिया घरानों को 10 जून 2023 से 25 जून 2023 की अवधि के दौरान बनाए गए और प्रकाशित या ऑडियो/विजुअल सामग्री के प्रसारण/प्रसारण की प्रासंगिक क्लिपिंग के साथ एक निर्धारित प्रारूप में विवरण प्रस्तुत करना होगा। प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तिथि 01 जुलाई 2023 है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान के बारे में
भारत और विदेशों में योग के प्रचार-प्रसार में मीडिया की सकारात्मक भूमिका और जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जून, 2019 में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान (AYDMS) स्थापित किया था। पुरस्कारों का पहला संस्करण 7 जनवरी, 2020 को आयोजित किया गया और सम्मान प्रदान किए गए। उसके बाद कोविड महामारी के कारण एक अंतराल पैदा हो गया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अब सम्मान को फिर से प्रदान करने के लिए 2023 में दूसरे संस्करण के आयोजन का निर्णय लिया है।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2015 से प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विचार पहली बार भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने संबोधन के दौरान प्रस्तुत किया था।
इस विचार का प्रस्ताव करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा:
उन्होंने कहा, ‘योग भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकतात्मकता; विचार और कार्य; संयम और सम्पूर्णता; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य; स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है । यह व्यायाम के बारे में नहीं है, बल्कि अपने आपको, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना की खोज करने के लिए है। हमारी जीवन शैली को बदलकर और चेतना जागृत कर कल्याण में मदद कर सकता है। आइए हम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करें।‘
इस प्रारंभिक प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 14 अक्टूबर 2014 को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” मसौदा प्रस्ताव पर अनौपचारिक परामर्श किया। परामर्श भारत के प्रतिनिधिमंडल द्वारा आयोजित किया गया था। 11 दिसंबर 2014 को, भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में मसौदा प्रस्ताव पेश किया। मसौदा पाठ को 177 सदस्य देशों से व्यापक समर्थन मिला। इस पहल को अधिकांश वैश्विक नेताओं का समर्थन मिला। कुल 177 देशों ने प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया, जो इस तरह के किसी भी यूएनजीए प्रस्ताव के लिए सह-प्रायोजकों की सर्वाधिक संख्या है।
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