गुरुवार, नवंबर 14 2024 | 09:59:43 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / राष्ट्रपति ने एनआईएफ के 11वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय ग्रासरूट नवाचार और उत्कृष्ट पारंपरिक ज्ञान पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति ने एनआईएफ के 11वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय ग्रासरूट नवाचार और उत्कृष्ट पारंपरिक ज्ञान पुरस्कार प्रदान किए

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र (आरबीसीसी) में एनआईएफ के 11वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय ग्रासरूट इनोवेशन और उत्कृष्ट पारंपरिक ज्ञान पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने आरबीसीसी के पास स्पोर्ट्स ग्राउंड में फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (फाइन) -2023 का भी उद्घाटन किया।

पुरस्कार समारोह में, राष्ट्रपति ने कहा कि जमीनी स्तर पर नागरिकों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित नवोन्मेषी समाधानों को तैयार करने और अपनी सर्वोत्तम क्षमताओं के अनुसार देश की सेवा करने की क्षमता है। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) ऐसे इनोवेटर्स को प्रोत्साहित करने और उनका समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि एनआईएफ ने देश के 625 से अधिक जिलों से 325000 से अधिक तकनीकी विचारों, नवाचारों और पारंपरिक ज्ञान प्रथाओं का एक डेटाबेस तैयार किया है। उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई कि एनआईएफ ने अपने विभिन्न पुरस्कार समारोहों में 1093 जमीनी नवप्रवर्तकों और स्कूली छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम न केवल इनोवेटर्स की उपलब्धियों बल्कि रचनात्मकता, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप की भावना का जश्न मना रहे हैं। हम अपने आसपास हर दूसरे दिन छोटे-छोटे अविष्कार होते हुए देख सकते हैं। हमें बस उस क्रिएटिविटी और इनोवेशन को समझना और प्रोत्साहित करना है जो पहले से ही हर जगह मौजूद है। राष्ट्रपति ने कहा कि रचनात्मकता को समर्थन देने और बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण पहलू बच्चों और युवाओं को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करना है। चुनौतीपूर्ण समस्याओं के समाधान खोजने के लिए जिज्ञासा और पूछताछ की भावना आवश्यक है। हमारे बच्चों को बड़ा होकर समाधान प्रदाता बनना चाहिए।

द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे नागरिकों में देश की सेवा करने का जज्बा होना चाहिए। उसे देश में उत्पन्न होने वाली समस्याओं और मुद्दों को समझने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें हल करने में छोटे पैमाने पर योगदान देने के लिए जिम्मेदार महसूस करना चाहिए। उन्होंने नवप्रवर्तकों, उद्यमियों, पारंपरिक ज्ञान धारकों और उद्योग के प्रतिनिधियों से पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ समाधान खोजने और इस दिशा में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि फाइन एक अनूठा प्रयास है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देता है और नागरिकों को उद्यमिता शुरू करने और भारत तथा विदेशों में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता की भावना और चुनौतीपूर्ण समस्याओं का समाधान खोजने के उत्साह को बढ़ावा देकर पुरस्कृत किया जाना चाहिए।

 

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

10 राज्यों की 31 विधानसभा व वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ संपन्न

नई दिल्ली. झारखंड में पहले फेज की 43 सीटों के साथ ही 10 राज्यों की …