रांची. सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में झारखंड में आदिवासियों के मतांतरण, उनकी परंपरा और संस्कृति पर हो रहे हमले का मुद्दा उठाया। सांसद ने सदन में कहा कि आदिवासियों की परंपराओं, संस्कृति और रीति रिवाज पर मतांतरण के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसे रोकने की दिशा में सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है। संसद में यह भी पूछा कि जनजातीय परंपराओं संस्कृति और रीति रिवाज के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाया गया है।
सांसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सदन में बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय, केंद्र प्रायोजित योजनाओं जनजाति अनुसंधान संस्थान को सहायता, जनजातीय अनुसंधान, सूचना, शिक्षा, संचार और कार्यक्रम के माध्यम से उनकी परंपराओं संस्कृति और रीति रिवाज को संरक्षित करने के लिए सरकार कई कदम उठ चुकी है। उनकी संस्कृति, कलाएं, रीति-रिवाज और परंपरा संरक्षित रहें, इसके लिए कई प्रकार की गतिविधियां की जाती हैं। जनजाति अनुसंधान संस्थानों को सहायता के माध्यम से मंत्रालय अलग-अलग राज्यों को सहायता प्रदान करती है। केंद्रीय मंत्री ने सदन में यह भी बताया कि जनजाति अनुसंधान संस्थानों द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। झारखंड में सरहुल महोत्सव, गोवा के लोकोक्तियां, मिजोरम के पावल कूट जैसे त्योहारों को मान्यता प्राप्त कर आगे बढ़ाया जा रहा है।
मतांतरणके मुद्दे पर क्या बोले मंत्री?
मतांतरणके मुद्दे पर अर्जुन मुंडा ने संसद को बताया कि यह मुद्दा सबके लिए चिंता की बात है परंतु ऐसे मुद्दों पर कार्रवाई समाज के सभी वर्गों, जिसमें जनजातीय वर्ग भी शामिल है। संस्कृति की रक्षा करना उनकी परंपराओं की रक्षा करना, यह राज्य के विषय हैं और राज्य सरकार को इस पर जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए। इस दौरान सांसद सेठ ने जनजातीय विकास और उत्थान की दिशा में कई कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति भी आभार जताया है।
साभार : दैनिक जागरण
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