चंडीगढ़. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने विवादित बयान दिया है। हरियाणा के कैथल में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके समर्थक राक्षस हैं। उन्होंने कहा जो बीजेपी को वोट देते हैं वे भी राक्षस हैं। सुरजेवाला ने कहा कि वह हरियाणा की धरती से ऐसे लोगों को श्राप देते हैं। सुरजेवाला के बयान पर को अपमानजनक बताते हुए सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी ने सुरजेवाला पर पलटवार किया और राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। रणदीप सुरजेवाला रविवार को हरियाणा के कैथल में कांग्रेस की ‘जन आक्रोश रैली’ को संबोधित कर रहे थे। सुरजेवाला ने अपने भाषण में कहा, ‘नौकरी मत दो, कम से कम नौकरी में बैठने का मौका तो दो।’
बीजेपी ने साधा निशाना
सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी और जेजेपी के लोग राक्षस हैं और जो बीजेपी को वोट देते हैं और उनका समर्थन करते हैं, वे भी राक्षस हैं। आज मैं महाभारत की इस धरती से श्राप देता हूं। कांग्रेस नेता की भाषा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्विटर पर कहा, ‘बार-बार राजकुमार को लॉन्च करने में विफल रही कांग्रेस पार्टी ने अब जनता और जनार्दन को गाली देना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के विरोध में अंधेपन का शिकार हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को यह कहते हुए सुनें-‘देश के लोग जो भाजपा को वोट देते हैं और उसका समर्थन करते हैं, वे ‘राक्षस’ हैं।’
संबित पात्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर 13 अगस्त का वीडियो क्लिप भी साझा किया जिसमें रणदीप सुरजेवाला ने बयान दिया था। पात्रा ने ट्वीट किया, ‘एक तरफ मोदी जी हैं, 140 करोड़ देशवासियों के प्रधानमंत्री, जिनके लिए जनता जनार्दन का रूप है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी है, जिसके लिए जनता दानव का रूप है।
‘खरगे को समझना चाहिए’
संबित ने कहा, ‘देश के लोग इस अंतर को अच्छी तरह से समझते हैं और देश के लोग खुद अपनी नफरत के विशाल शॉपिंग मॉल को बंद करने का काम करेंगे। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी को लॉन्च करने में विफल रही कांग्रेस पार्टी अब जनता पर अपना गुस्सा निकाल रही है। सुरजेवाला ने कहा कि देश के लोग जिन्होंने भाजपा को वोट दिया वे ‘राक्षस’ हैं, खरगे को समझना चाहिए कि किसी भी पार्टी को वोट देना या समर्थन करना एक नागरिक का अधिकार है। आप अपनी भाषा और सोच के लिए राष्ट्र-विरोधी हैं।’
साभार : नवभारत टाइम्स
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