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बृजभूषण सिंह के खिलाफ 25 लोगों ने गवाही और कुछ फोटो, नहीं मिला कोई वीडियो साक्ष्य

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नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 25 लोगों ने गवाही दी है। इनमें पीड़ित पहलवान, अंतर्राष्ट्रीय पहलवान बजरंग पूनिया, एक पहलवान की दो बहनें, कोच, रेफरी और रोहतक स्थित महावीर अखाड़े के लोग शामिल हैं। महावीर अखाड़े के सभी लोगों ने बृजभूषण के खिलाफ बयान दर्ज कराए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारिक सूत्र ने इसकी पुष्टि की है। उधर, पीड़ित नाबालिग ने डब्ल्यूएफआई पर लगाए गए अपने आरोपों को वापस ले लिया। इस मामले में पुलिस ने आज कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस को पीड़ित दो पहलवानों और डब्ल्यूएफआई ने सिर्फ फोटो उपलब्ध कराए गए हैं। इन फोटों की संख्या कई सौ है। सभी फोटो की जांच कर ली गई है। इनमें कोई आपत्तिजनक बात सामने नहीं आ रही है और सिर्फ आरोपी की उपस्थिति दिख रही है। जांच में किसी तरह की वीडियो नहीं मिली है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वीडियो न तो पीड़ित पहलवानों ने उपलब्ध कराई है और न ही डब्ल्यूएफआई ने दी है। एक वरिष्ठ पुलिस सूत्र ने बताया कि दिल्ली पुलिस के पास आरोपी बृजभूषण के खिलाफ सिर्फ पीड़ित महिला पहलवानों के बयान, 25 लोगों की गवाही और फोटो हैं।

यूपी में आरोपी के खिलाफ किसी ने नहीं दी गवाही

पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों कहना है कि भाजपा सांसद के खिलाफ यूपी से किसी ने भी गवाही नहीं दी है। पहलवानों ने लखनऊ समेत यूपी में अन्य जगहों पर हुई प्रतियोगिताओं के दौरान शारीरिक शोषण होने के आरोप लगाए थे। पुलिस ने गोंडा समेत यूपी में कई जगह पहुंचकर काफी लोगों के बयान लिए हैं।

विदेशी कुश्ती संघों ने नहीं की सहायता
विदेशी कुश्ती संघों ने दिल्ली पुलिस की अभी तक कोई सहायता नहीं की है। पुलिस ने इंडोनेशिया, बुल्गेरिया, कजाकिस्तान व मंगोलिया समेत पांच देशों को कुश्ती संघों को वीडियो व वीडियो उपलब्ध कराने के लिए कहा था। दिल्ली पुलिस ने इन सभी कुश्ती संघों को तीन जून को पत्र लिखा था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी तक किसी संघ ने जवाब नहीं दिया है।

नहीं है कॉल डिटेल
पुलिस को किसी भी पीड़ित व आरोपी की कॉल डिटेल नहीं मिली है, जिससे पीड़ित व आरोपी की बातचीत और उपस्थिति का पता लग सके। दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटनाएं काफी पुरानी है। इस कारण मोबाइल आदि की कॉल डिटेल को खंगाला नहीं जा सकता।

साभार : अमर उजाला

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