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मध्यप्रदेश में खुले में मांस-मछली बेचने पर प्रतिबंध को लेकर भड़की बसपा

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लखनऊ. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने सड़क किनारे खुले में मांस-मछली की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया है. जिसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है. बसपा का उत्तराधिकारी बनने के बाद मायावती (Mayawati) के भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और एमपी सरकार के फ़ैसले का विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी (BJP) की सरकार एक खास वर्ग के तुष्टिकरण की नीति पर चल रही है. जानबूझकर दलितों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. आकाश आनंद ने बसपा सुप्रीम मायावती की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, सड़कों के किनारे जो लोग मांस, मछली की दुकानें लगाते हैं वो लोग ज़्यादातर अल्पसंख्यक या दलित समुदाय से आते हैं. इस पर रोक लगने से इनके रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे.

मोहन यादव सरकार के फैसले का विरोध
आकाश आनंद ने कहा, ‘रोजगार के अभाव में मीट, अंडा, मछली लगाने का रोजगार करने वाले ज्यादातर लोग अल्पसंख्यक समाज से आते हैं. भाजपा सरकार इन लोगों को जानबूझकर प्रताड़ित करती है. एमपी, यूपी, राजस्थान सहित पूरे देश में भाजपा सुनियोजित तरीके से दलितों और अल्पसंख्यकों के रोजगार के अवसर खत्म कर रही है और एक खास वर्ग की तुष्टीकरण की नीति पर चल रही है. जिसका मैं कड़ा विरोध करता हूं.’

मायावती ने भी उठाए सवाल
इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी एमपी सरकार के फ़ैसले पर आपत्ति जताई थी और कहा कि, ‘मध्य प्रदेश की नई बनी भाजपा सरकार द्वारा बेरोजगारों व अन्य गरीब मेहनतकशों को रोटी-रोजी उपलब्ध कराने का जरूरी फैसला करने के बजाय, रोजगार के अभाव में मछली, अण्डा, मीट आदि का खुले में स्वरोजगार करने वालों पर दमन शुरू कर देना कितना उचित? इस विवादित फैसले पर पुनर्विचार जरूरी.’ मायावती ने आगे कहा, ‘मध्य प्रदेश सरकार ही नहीं बल्कि सभी सरकारों से महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि को दूर करने पर ही पूरी तन्मयता से काम करने की जरूरत. फिर भी इन वस्तुओं के खुले में व्यापार करने पर इतनी ज्यादा आपत्ति है तो उन्हें उजाड़ने से पहले दुकान एलाट करने की व्यवस्था सरकार क्यों नहीं करती?’

साभार : एबीपी न्यूज़

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