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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में फैसला रखा सुरक्षित

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लखनऊ. इलाहाबाद हाई कोर्ट सोमवार को मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े केस में सर्वे के लिए एडवोकेट कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस सुनवाई को लेकर कटरा केशवदेव यानी भगवान श्रीकृष्ण का बालरूप को भी प्रतीकात्मक तौर पर इलाहाबाद हाई कोर्ट लाया गया। हाई कोर्ट की सुनवाई में उन्होंने भाग लिया। कोर्ट के आदेश के तहत अब मथुरा के विवादित परिसर का कोर्ट कमिश्नर सर्वे करना है। कोर्ट कमिश्नर के स्वरूप में कौन- कौन वकील होंगे, सर्वे कब से शुरू होगा, कितने दिनों में सर्वे की प्रक्रिया को पूरा कराया जाएगा, जैसे मुद्दों पर कोर्ट सोमवार को सुनवाई होने थी। लेकिन कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

शाही ईदगाह मामले में सुनवाई शुरू

मथुरा के शाही ईदगाह मामले में सर्वे को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई को लेकर हलचल तेज रही। सुनवाई शुरू होने के पहले हिंदू पक्ष भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ कोर्ट में पहुंचा था। वहां पर लोगों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। कोर्ट में लोगों की ओर से फोटो और वीडियो बनाए जाने लगे। इसको देखते हुए जज ने लोगों को जमकर फटकार लगाई। हाई कोर्ट इस पूरे मामले में बड़ा फैसला देने वाला है। कोर्ट कमिश्नर की अगुआई में एडवोकेट पैनल का गठन किया जाएगा।

कोर्ट ने सुनवाई पर दिया निर्णय

कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति में दूसरे पक्ष को भी हिस्सा लेने को कहा गया है। मुस्लिम पक्ष की ओर से भी सुनवाई में अपनी बात रखी जा सकती है। ऐसे में सोमवार की एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति का मुद्दा गरमा सकता है। कोर्ट ने साफ किया है कि एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे कराए जाने से केस की प्रकृति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट केस के मेरिट को प्रभावित नहीं करेगी। तीन वकीलों के पैनल की रिपोर्ट पर अगर मुस्लिम पक्ष खुद को पीड़ित समझता है तो वह आपत्ति दाखिल कर पाएंगे।

विष्णु जैन ने रखा था पक्ष

श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन ने बहस में भाग लिया था। उनका दावा है कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मस्जिद के नीचे स्थित है। इस बात के कई संकेत हैं जो साबित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर है। शाही ईदगाह मस्जिद में कमल के आकार का एक स्तंभ होने का दावा भी वकील ने किया। उनका कहना है कि यह हिंदू मंदिरों की एक विशेषता है। वहां शेषनाग की एक प्रतिकृति भी है, जो हिंदू देवताओं में से एक हैं।

याचिका में यह भी बताया गया कि मस्जिद के स्तंभ के आधार पर हिंदू धार्मिक प्रतीक हैं और नक्काशी में ये साफ दिखते हैं। सर्वे से सच सामने आएगा। हाई कोर्ट के एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की अर्जी मंजूर किए जाने के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा गरमाएगा। सर्वे से आने वाले तथ्य इस मुद्दे को एक बार फिर गरमाएंगे।

साभार : नवभारत टाइम्स

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