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नित्यानंद राय एनडीआरएफ़ के 18वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में हुए शामिल

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नई दिल्ली (मा.स.स.). केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ़) के 18वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने उल्लेखनीय सेवाओं के लिए अलंकरण प्रदान किए और विभिन्न खेल और प्रोफेशनल प्रतियोगिताओं के विजेता यूनिट्स को पुरस्कृत किया। नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। समारोह में NDRF के महानिदेशक अतुल करवल, गृह मंत्रालय व केन्द्रीय पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी और NDRF के अधिकारियों व जवानों समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने सम्बोधन में नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में आज एनडीआरएफ आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी निस्वार्थ मानवीय सेवाओं के कारण आपदा प्रतिक्रिया और आपदा न्यूनीकरण के क्षेत्र में अपनी एक उत्कृष्ट पहचान बना चुका है और निरंतर नई ऊॅचाईयों को हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि NDRF द्वारा अब तक 8,500 से ज्यादा बचाव अभियानों के दौरान लगभग 1.5 लाख से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है तथा 7.5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।

केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णयों के परिणामस्वरूप आज भारत आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काफी प्रगति कर चुका है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के सफल प्रयासों और मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के दिशानिर्देशों के सफल क्रियान्वयन से ही सम्भव हो पाया है। उन्होंने बताया कि इसी का परिणाम है कि प्रारंभ में NDRF में वाहिनियों की संख्या मात्र 8 थी, जो अब बढ़कर 16 हो गयी है। इसके साथ ही NDRF की टीमें देश के 28 शहरों में रीजनल रिस्पांस सेंटर के रूप में किसी भी आपदा में त्वरित कार्यवाही के लिए तैनात हैं।

नित्यानंद राय ने कहा कि NDRF का गठन भारत सरकार द्वारा प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित आपदाओं से निपटने के लिए किया गया था और अपनी स्थापना से लेकर अब तक बल निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों में संलग्न रहते हुए आपदा के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह बल की कार्यकुशलता एवं अभ्यास का ही परिणाम है कि गत वर्षों में आई विभिन्न आपदाओं के दौरान होने वाले जान माल के नुकसान का प्रबंधन करने में हम और भी ज्यादा सक्षम हुए हैं। उन्होंने कहा कि NDRF देश का एकमात्र ऐसा बल है जो देश में किसी भी क्षेत्र में आपदाओं के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए बहु-कुशल बचावकर्मी, उच्च तकनीक तथा आधुनिक उपकरणों के साथ कम से कम समय में पहुँचता है। इसीलिए, सभी प्रकार की आपदाओं के लिए प्रभावी समय में अपनी विशेष प्रतिक्रिया के कारण यह बल आपदा प्रतिक्रिया का सबसे चर्चित नाम बन गया है। इमारत ढहने, बाढ़, बादल फटना, भू-स्खलन और ट्रेन दुर्घटनाओं आदि जैसी दुर्घटनाओं के दौरान NDRF द्वारा प्रदर्शित क्षमता को प्रत्येक स्तर पर सराहा गया है।

उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में देश में आई विभिन्न आपदाओं जैसे चक्रवात और बाढ़ के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं गृह मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकारों के साथ आपदा से निपटने के लिए तैयारियों का जायजा लिया व भौतिक रूप से भी आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया जिससे इन आपदाओं पर काबू पाने में देश ने सफलता मिलीl उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी आपदा प्रबंधन के कार्यों एवं योजनाओं की समय-समय पर गहन समीक्षा की व NDRF को बहुमूल्य दिशा-निर्देश दिए। नित्यानंद राय ने कहा कि NDRF स्थानीय स्तर पर नागरिकों को बेहतर ढंग से तैयार करने हेतु विभिन्न जन-जागरूकता अभियानों और विद्यालय सुरक्षा अभियानों के माध्यम से अपना योगदान दे रहा है। NDRF ने नेहरु युवा केंद्र संगठन के स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित कर डिजास्टर रिस्पांस टीम विकसित करने के लिए देश के मल्टी हेज़र्ड जिलों में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण शुरू किया है और अब तक NDRF अपनी सभी बटालियनों और रीजनल रिस्पांस सेंटर में 10 हजार से अधिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित कर चुका है तथा वर्ष 2024 तक 70 हजार से अधिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आपदा प्रबंधन को लेकर अत्यंत गंभीर हैं और समय-समय पर इस विषय पर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करते हैंl इसी सन्दर्भ में, उन्होंने वर्ष 2016 में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशियाई मंत्रियों के सम्मलेन में, 10 सूत्रीय एजेंडा दिए थे जो आपदा के क्षेत्र में हम सबका मार्गदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन में NDRF ने शंघाई सहयोग संगठन संयुक्त अभ्यास-2019 तथा बिम्सटेक (BIMSTEC)-2020 जैसी अंतराष्ट्रीय आपदा प्रबंधन से जुडे अभ्यासों का आयोजन किया जिससे किसी भी आपदा की स्थिति को आपसी सहयोग से निपटा जा सके। उन्होंने बताया कि जनवरी 2020 में, नागपुर स्थित विश्वस्तरीय NDRF अकादमी की आधारशिला केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रखी गयी थी जो जल्द ही तैयार हो जाएगी और इसमें न केवल भारतीय बल्कि अन्य मित्र देशों के प्रशिक्षुओं को भी उच्चस्तरीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।

नित्यानंद राय ने कहा कि इस वर्ष G-20 की अध्यक्षता भारत के पास है और इस बारे में आज हर भारतीय गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि NDRF और परमाणु ऊर्जा विभाग के दिशा-निर्देशन में सभी हितधारकों को जागरूक करने का काम किया जाएगा जो विभिन्न देशों से आने वाले प्रतिनिधियों के ‘आपदा-प्रबंधन’ की देख-रेख करेंगे। उन्होंने कहा कि NDRF कर्मियों ने आपदा के समय हमारे देशवासियों केवन और संपत्ति को बचाने के लिए बहादुरी के साथ कई चुनौतियों का सामना करते हुए कई बार अपने बहुमूल्यवन को खतरे में भी डाला है। यह देश उन सभी NDRF शहीदों का ऋणी है जिन्होंने आपदा के दौरान लोगों को बचाने के लिए कर्तव्य निभाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

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