कोलकाता. बंगाल पंचायत चुनावों को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। इसके बाद भी 15 जून की समय सीमा बीत जाने पर राज्य सरकार व चुनाव आयोग बेसुध हैं। बीजेपी और कांग्रेस ने कलकत्ता हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है, जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। आगामी पंचायत चुनावों के लिए राज्य में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के लिए हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने पर राज्य सरकार व चुनाव आयोग के खिलाफ दो अवमानना याचिकाएं दायर की गई हैं। ये याचिकाएं पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और मालदा (दक्षिण) से कांग्रेस लोकसभा सदस्य अबू हसीम खान चौधरी की ओर से दायर की गई हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. शिवगणनम की खंडपीठ ने इस पर सुनवाई की थी। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग को हाई कोर्ट वेबसाइट पर आदेश की प्रति अपलोड होने के 48 घंटे के भीतर केंद्रीय गृह मंत्रालय से केंद्रीय बलों की मांग करने का आदेश दिया था। अधिकारी और खान चौधरी ने अपनी-अपनी याचिकाओं में तर्क दिया है कि 48 घंटे की समय सीमा समाप्त हो गई है, लेकिन केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में आयोग या राज्य सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। इसलिए न्यायालय की अवमानना के रूप में इस निष्क्रियता पर विचार किया जाना चाहिए।
खंडपीठ ने दोनों याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है और मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के 15 जून के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले पर मंगलवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई होने की संभावना है। बंगाल पंचायत चुनाव मामले में पिछली सुनवाई के दौरान, कलकत्ता हाई कोर्ट ने सवाल खड़े किए थे। खंडपीठ ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए चुनाव कराने की प्रक्रिया में आयोग की भूमिका पर नाराजगी जताई थी। मुख्य न्यायाधीश ने पिछले सप्ताह नामांकन चरण के दौरान हुई हिंसा और झड़पों पर भी चिंता व्यक्त की।
साभार : नवभारत टाइम्स
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