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पूर्वोत्तर के विशेष दर्जे पर केंद्र के आश्वासन के बाद नहीं कर सकते संदेह : सुप्रीम कोर्ट

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गुवाहाटी. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली 23 याचिकाओं पर आज 9वें दिन सुनवाई हो रही है। इस दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसका नॉर्थ-ईस्ट राज्यों को मिले स्पेशल स्टेटस को खत्म करने का कोई इरादा नहीं है। केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वकील मनीष तिवारी की दलीलों के जवाब में यह बात कही। दरअसल तिवारी ने कहा था, जम्मू-कश्मीर पर लागू संविधान के भाग 21 में निहित प्रावधानों के अलावा नॉर्थ-ईस्ट को नियंत्रित करने वाले अन्य विशेष प्रावधान भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब केंद्र ने कहा है कि उसका ऐसा कोई इरादा नहीं है, तो हमें संदेह कैसा? CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है।

नौवें दिन की सुनवाई की बड़ी बातें…

  • केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देश के नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में लागू संविधान के विशेष प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ करने का उसका कोई इरादा नहीं है।
  • केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए SG मेहता ने आर्टिकल 370 को निरस्त करने के कदम को उचित ठहराया। तुषार मेहता ने कहा- आर्टिकल 370 एक अस्थायी प्रावधान था।
  • हमें आर्टिकल 370 जैसे अस्थायी प्रावधान और नॉर्थ-ईस्ट पर लागू होने वाले विशेष प्रावधानों के बीच अंतर को समझना चाहिए। केंद्र सरकार का विशेष प्रावधानों को छूने का कोई इरादा नहीं है। हम जानते हैं इसके गंभीर परिणाम होंगे।
  • मनीष तिवारी के तर्क पर चीफ जस्टिस ने कहा- हमें आशंकाओं में क्यों जाना चाहिए? जब केंद्र ने कहा है कि उसका ऐसा कोई इरादा नहीं है, तो हमें संदेह कैसा?

साभार : दैनिक भास्कर

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