नई दिल्ली (मा.स.स.). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबसे पहले तो मैं राष्ट्रपति सिसी, और उनके डेलीगेशन का भारत में हार्दिक स्वागत करना चाहूंगा। राष्ट्रपति सीसी कल हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं। यह पूरे भारत के लिए सम्मान और हर्ष का विषय है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि Egypt की एक सैन्य टुकड़ी भी हमारे गणतंत्र दिवस में भाग ले कर परेड की शोभा बढ़ा रही है।
भारत और मिस्र विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं मे से हैं। हमारे बीच कई हज़ारों वर्षों का अनवरत नाता रहा है। चार हजार वर्षों से भी पहले, गुजरात के लोथल पोर्ट के माध्यम से मिस्र के साथ व्यापार होता था। और विश्व में विभिन्न परिवर्तनों के बावजूद हमारे संबंधों मे एक स्थिरता रही है, और हमारा सहयोग निरंतर सुदृढ़ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में हमारे आपसी सहयोग में और गहराई आई है। और मैं इसका बहुत बड़ा श्रेय मेरे मित्र राष्ट्रपति सीसी के कुशल नेतृत्व को देना चाहूंगा। इस वर्ष भारत ने अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान Egypt को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया है, जो हमारी विशेष मित्रता को दर्शाता है।
अरब सागर के एक छोर पर भारत है तो दूसरी ओर Egypt है। दोनो देशों के बीच सामरिक समन्वय पूरे क्षेत्र मे शांति और समृद्धि के लिए मददगार होगा। इसलिए आज की बैठक में राष्ट्रपति सीसी और मैंने हमारी द्विपक्षीय भागीदारी को “Strategic Partnership” के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया। हमने तय किया है कि भारत-Egypt Strategic Partnership के तहत हम राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक एवं वैज्ञानिक क्षेत्रों में और अधिक व्यापक सहयोग का long-term ढांचा विकसित करेंगे।
भारत और Egypt दुनिया भर में हो रहे आतंकवाद के प्रसार से चिंतित है। हम एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर सुरक्षा खतरा है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं, कि cross-border terrorism को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है। और इसके लिए, हम साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सचेत करने का प्रयत्न करते रहेंगे। हमारे बीच सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग बढ़ाने की भी अपार सम्भावनाएँ हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमारी सेनाओं के बीच joint exercise training एवं capacity building के कार्यों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। हमने आज की बैठक में अपने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को और मज़बूत करने, और counter-terrorism संबंधी सूचना एवं इंटेलिजेंस का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।
Extremist विचारधाराओं तथा radicalisation को फैलाने के लिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग एक बढ़ता हुआ संकट है। इसके खिलाफ भी हम सहयोग बढ़ाएँगे। कोविड महामारी के दौरान हमने healthcare infrastructure तथा global supply chains पर जो दुष्प्रभाव पड़े हैं उसको करीब से देखा है। राष्ट्रपति सीसी और मैं इस चुनौतीपूर्ण काल में निकट संपर्क में रहे, और दोनों देशों ने आवश्यकता के समय एक दूसरे को तत्काल सहायता भेजी।
आज हमने COVID और उसके बाद यूक्रेन संघर्ष के कारण प्रभावित हुए फ़ूड और फ़ार्मा सप्लाई chains को, उस पर भी मजबूत करने की दिशा में व्यापक चर्चा की है। हम इन क्षेत्रों में आपसी निवेश और व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता पर भी सहमत हुए हैं। हमने मिलकर ये तय किया कि अगले पांच वर्षों में हम अपने द्विपक्षीय व्यापार को 12 बिलियन डॉलर तक ले जाएँगे। COP-27 को सफलतापूर्वक होस्ट करने, और क्लाइमट के क्षेत्र में विकासशील देशों के हितों को सुनिश्चित करने के प्रयासों के लिए, हम Egypt की सराहना करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय फ़ोरम में भारत और Egypt का लंबा और बेहतरीन सहयोग रहा है। हम दोनों ही अंतर्राष्ट्रीय विवादों के समाधान के लिए Diplomacy और Dialogue की आवश्यकता पर भी सहमत हैं। मैं एक बार फिर आपका और आपके डेलिगेशन का भारत में हृदयपूर्वक स्वागत करता हूँ। मैं आपको और Egypt के लोगों को नए साल की शुभकामनाएं भी देता हूँ।