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राहुल गांधी सिर्फ मोहब्बत की बात करते हैं, विपक्षी दलों को प्यार नहीं करते : आप

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नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (AAP) ने राहुल गांधी से बड़ा दिल दिखाने को कहा है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को कहा- राहुल गांधी अकसर दोहराते हैं- ‘मैं नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलकर बैठा हूं।’ राहुल को विपक्षी दलों को भी प्यार देना चाहिए। अगर विपक्षी दल आपके (राहुल के) पास प्यार मांगने आए हैं और आप कहते हैं कि आपके पास यह नहीं है, तो यह आपके मोहब्बत की दुकान पर सवाल खड़ा करता है।

AAP के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा- दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से समर्थन मांग रहे हैं। दूसरी तरफ वे पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं। ऐसा करके वे क्या चाहते हैं, क्या वे हमारा समर्थन लेना चाहते हैं या पार्टी (कांग्रेस) से दूरी बनाना चाहते हैं। बात बिल्कुल साफ है कि अरविंद केजरीवाल जेल नहीं जाना चाहते इसलिए वो BJP के साथ हैं। उनका एकमात्र मकसद विपक्ष की एकता को तोड़ना है।

AAP ने कहा- पुराने कमेंट्स को भुलाकर आगे बढ़ें
AAP नेता भारद्वाज ने कांग्रेस को सावधानी बरतने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि अहंकारी होना ठीक है, लेकिन एक सीमा है। आगे लोगों और अन्य दलों को यह महसूस होने लगेगा कि सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार अहंकार से भर गई है। उन्होंने विपक्षी दलों से एक-दूसरे के खिलाफ पिछले कमेंट्स से आगे बढ़ने की भी अपील की, क्योंकि वे राज्यों में एक-दूसरे के खिलाफ हैं, लेकिन अब उन्हें एक साथ आने की जरूरत है।

सभी विरोधी दल साथ आएं
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामपंथी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं। केरल में वामपंथी और कांग्रेस विरोधी हैं। इन सभी विरोधाभासों के बावजूद, हमें अब एक साथ आना होगा।अगर आप देखेंगे कि पार्टी के प्रवक्ताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ क्या कहा, तो दोनों तरफ की सूची लंबी है। इसे पीछे छोड़ना होगा और आगे बढ़ना होगा। यह बहुत कठिन होगा कि हमें अपने विरोधियों के लिए अपनी सीटें छोड़नी पड़े, इसके लिए बहुत बड़ा दिल होना चाहिए।

राहुल ने कहा था- हमें इस लड़ाई में एक साथ रहना होगा
पटना में विपक्षी एकता बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी पार्टी गठबंधन को लेकर खुले दिमाग से विचार कर रही है और अतीत को भूलने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा था- हम यहां खुले दिमाग के साथ हैं, बिना किसी पिछली पसंद-नापसंद के, हम सभी खुद को बदलेंगे। हमें इस लड़ाई में एक साथ रहना होगा, चाहे कुछ भी करना पड़े।

विपक्षी एकता बैठक में शर्त के साथ शामिल हुई थी AAP

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुई विपक्ष की बड़ी बैठक में आम आदमी पार्टी शर्त के साथ शामिल हुई थी। पार्टी ने कहा था कि कांग्रेस केंद्र के दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग के अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में उसका समर्थन करे। बैठक में शामिल अन्य दलों ने केजरीवाल का साथ देने पर सहमति जताई है, लेकिन कांग्रेस ने अपना रुख अभी स्पष्ट नहीं किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था- संसद सत्र से पहले चर्चा करेंगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी एकता बैठक में AAP के सशर्त शामिल होने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था- पटना बैठक इस मुद्दे के लिए उपयुक्त मंच नहीं है और वे संसद सत्र से पहले विपक्षी बैठकों में इस पर चर्चा करेंगे। इस अध्यादेश के लिए एक अलग मैकेनिज्म क्यों होना चाहिए? यह साथ मिलकर भाजपा से लड़ने की पूर्व शर्त नहीं हो सकती है।

साभार : दैनिक भास्कर

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