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पत्रकार सौम्या विश्वनाथ के 4 हत्यारों को मिली उम्रकैद की सजा

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नई दिल्ली. टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में दिल्ली की एक अदालत ने 4 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने एक अन्य दोषी को 3 साल की सजा सुनाई है लेकिन उसकी सजा पूरी मानकर उसे रिहा कर दिया जाएगा।अदालत ने कहा कि हत्या का अपराध दुर्लभतम अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए मौत की सजा का अनुरोध खारिज किया जाता है। सौम्या की मां माधवी विश्वनाथन ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह फैसले से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने जो भुगता वो दोषियों को भी भुगतना चाहिए। मैं संतुष्ट हूं, पर खुश नहीं… क्योंकि मैं खुश तब होती अगर मेरी बेटी वापस आ सकती।’

एक इंग्लिश न्यूज चैनल में पत्रकार रहीं विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 की देर रात साउथ दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह दफ्तर से घर लौट रही थीं। पुलिस ने दावा किया था कि हत्या के पीछे की मंशा लूटपाट थी। इससे पहले अदालत ने 18 अक्टूबर को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-302 (हत्या) और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया था। मामले में पांचवें आरोपी अजय सेठी को आईपीसी की धारा 411 (बेईमानी से संपत्ति प्राप्त करना) और मकोका प्रावधानों के तहत संगठित अपराध को बढ़ावा देने, जानबूझकर मदद करने और संगठित अपराध की आय प्राप्त करने की साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया था।

अभियोजन पक्ष के अनुसार कपूर ने 30 सितंबर, 2008 को दक्षिण दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर पीड़ित की कार को लूटने के लिए उसका पीछा करते समय विश्वनाथन को गोली मार दी थी। कपूर के साथ शुक्ला, कुमार और मलिक भी थे। अभियोजन पक्ष ने कहा कि पुलिस ने सेठी उर्फ चाचा से हत्या में प्रयुक्त कार बरामद कर ली थी। दोषी अमित शुक्ला और बलजीत मलिक के ऐडवोकेट अमित कुमार ने फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘हम इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। इस पूरे मामले में रवि कपूर के इकबालिया बयान के अलावा और कोई सबूत हमारे खिलाफ नहीं है, ऐसे में हमें हत्या का दोषी और इस अपराध के लिए उम्रकैद की सजा कैसे सुनाई जा सकती है, जबकि आपराधिक साजिश का आरोप तक नहीं है।’

साभार : नवभारत टाइम्स

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