लखनऊ. रामजन्मभूमि पर नवनिर्मित मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा काशी के विद्वान करेंगे। गत 11 सितंबर को काशी के कर्मकांडियों का दल इस निमित्त रामजन्मभूमि परिसर का भ्रमण भी कर चुका है और प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का संयोजन कर रहे रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों को आवश्यक व्यवस्था संबंधी निर्देश भी दे चुका है।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए मुहूर्त का निर्धारण भी काशी के ही विद्वानों ने किया है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव तो 15 से 24 जनवरी तक संयोजित है, लेकिन काशी के मूर्धन्य कर्मकांडी पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के उत्तराधिकारी पं. जयकृष्ण दीक्षित के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान 17 से 22 जनवरी के बीच संपन्न होगा और इसका आरंभ राम मंदिर के ईशानकोण पर स्थित उस स्थल पर पूजन से होगा, जहां कभी फकीरेराम मंदिर था।
प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले विद्वानों के दल में होंगे दो वर्ग
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के अनुसार, कांची के शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने प्राण प्रतिष्ठा के महोत्सव की महत्ता के अनुरूप काशी के विद्वानों को इस कार्य के लिए प्रेरित किया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले विद्वानों के दल में दो वर्ग होंगे। इसमें एक वर्ग ज्योतिषियों का होगा, जिसका नेतृत्व प्रख्यात ज्योतिषी गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ करेंगे। जबकि दूसरा वर्ग कर्मकांडियों का होगा, जिसमें लक्ष्मीकांत दीक्षित की शिष्य मंडली शामिल होगी।
अन्य अनुष्ठानों से भी अर्पित होगा अनुराग
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ अन्य अनुष्ठानों के माध्यम से भी रामलला के प्रति अनुराग अर्पित होगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की ही प्रसन्नता में दिग्गज संत एवं शीर्ष कथा व्यास स्वामी रामभद्राचार्य का प्रवचन प्रस्तावित है। वह 14 से 22 जनवरी के बीच बड़ा भक्तमाल मंदिर के परिसर में रामकथा पर आधारित प्रवचन करेंगे। एक अन्य दिग्गज संत नेपाली बाबा की अध्यक्षता में प्रस्तावित रामनाम जप महायज्ञ भी इस उत्सव को नया आयाम देगा।
साभार : दैनिक जागरण
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं