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भारतीय नौसेना का हिस्सा बना आईएनएस इंफाल, तैनात हैं कई विध्वंसक हथियार

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नई दिल्ली. भारतीय नौसेना के बेडं में आज INS इंफाल शामिल हो गया. भारतीय नेवी की ताकत इस से काफी हद तक बढ़ने की उम्मीद है. आईएनएस इंफाल में ब्रह्मोस, बराक जैसे मिसाईल, राकेट लांचर और SRGM गन से लैस हैं. आज कमीशन हो जाने के बाद इंफाल पर से इंबार्गो अब खत्म हो गया है और अब इसे चलाया जा सकता है. INS इम्फ़ाल देश मे बना सबसे आधुनिक युद्धपोत है.

INS इम्फ़ाल को नौसेना डिजाइन निदेशालय ने डिजाइन किया है. मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड, मुंबई ने इसे बनाया है. यह नौसेना के प्रोजेक्ट पी15 बी का हिस्सा है. बड़ी बात यह भी है कि युद्धपोत में 75 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से स्वदेशी है. इसका नाम भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की राजधानी इम्फ़ाल के नाम पर रखा गया है.

‘…आकाश-पाताल से उसे खोज निकालेंगे’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आजकल समंदर में हलचल बढ़ गयी है. संभवतः पहली बार रक्षा मंत्री समंदर के खतरे पर इतना खुलकर बोले है. राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएनएस इंफाल रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है. राजनाथ सिंह ने कहा कि अलग-अलग शक्ति का निर्माण करने के बजाय हम एक साथ मिलकर इस तरह की शक्ति का निर्माण करते है तो हम महाशक्ति बनेंगे. राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की आर्थिक ताकत बढ़ रही है जो कुछ लोगों को चुभ रहा है.

उन्होंने कहा कि आजकल समंदर में हलचल ज्यादा बढ़ गयी है, अरब सागर में हुए ड्रोन हमले और कुछ समय पहले हुए एक और हमले को हमने गभीरता से लिया है. सिंह ने कहा कि जिसने इसे अंजाम दिया है, उसे हम आकाश-पाताल से खोज भी निकालेंगे. सिंह ने कहा कि शिप पर हमला करने वालो पर सख्त कार्यवाई की जाएगी.

INS इम्फ़ाल की बनावट

इस विध्वंसक पोत की लम्बाई 164 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और विस्थापन क्षमता 7500 टन है. इस पोत का निर्माण स्वदेशी स्टील डीएमआर 249A का उपयोग करके किया गया है और यह भारत में निर्मित सबसे लंबा विध्वंसक है.

जहाज को चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन की मदद से संचालित किया जाता है, जो 30 समुद्री मील से ज्यादा स्पीड हासिल करने में सक्षम है. इस जहाज पर 50 अधिकारी सहित 312 नौसैनिको के रहने की व्यवस्था है. इसकी क्षमता 8000 नौटिकल माइल दूरी तय करने की है और यह 42 दिनों तक पानी मे रहकर मिशन को अंजाम दे सकता है.

INS इम्फ़ाल पर तैनात हथियार

यह युद्धपोत सुपरसोनिक सरफेस टू सरफेस ब्रह्मोस मिसाइल तथा बराक-8 लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल से लैस है. अंडरसी वारफेयर कैपेबल डिस्ट्रायर में स्वदेशी तौर पर विकसित एंटी सबमरीन वेपन और सेंसर लगाये गये हैं. जहाज में हेवी वेट टारपीडो ट्यूब लांचर्स, राकेट लांचर्स आदि वगैरा भी दिए गए हैं.

हिंद महासागर क्षेत्र में बदलते हालात को देखते हुए आईएनएस INS इम्फ़ाल के आने से नौसेना सामरिक तौर पर काफी मजबूत हो जाएगी. आईएनएस विशाखापट्टन के इस क्लास के तीन और युद्धपोत विशाखापत्तनाम मोरमुगाओ और सूरत भी भारतीय नौसेना का हिस्सा है. आईएनएस विशाखापट्टन , आईएनएस मोरमुगाओ इम्फाल शामिल हो गये और आईएनएस सूरत 2025 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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