शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 03:08:12 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / नीति आयोग की बैठक में नहीं पहुंचे 8 राज्यों के मुख्यमंत्री

नीति आयोग की बैठक में नहीं पहुंचे 8 राज्यों के मुख्यमंत्री

Follow us on:

नई दिल्ली. राजधानी के प्रगति मैदान में नए कन्वेंशन सेंटर में ‘विकसित भारत @ 2047: टीम इंडिया की भूमिका’ विषय पर नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हो रही है. इस बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी कर रहे हैं. हालांकि इस बैठक में आठ राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए हैं. पीएम मोदी इस बैठक में 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाग नहीं लेने के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है. वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उनकी अनुपस्थिति का कोई विशेष कारण नहीं बताया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को पीएम को पत्र लिखकर केंद्र के हालिया अध्यादेश पर बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की.

पंजाब के भगवंत मान ने केंद्र को पत्र लिखकर कहा है कि वह पंजाब के हितों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, इसलिए वह बैठक का बहिष्कार करेंगे. पिछली बैठक में, पिछले साल अगस्त में, मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ), पराली जलाने और किसानों की चिंताओं के मुद्दों को उठाया था, उनका कहना है कि केंद्र ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. सीएम मान ने इसे केवल “फोटो सेशन” कहते हुए अपने नोट में कहा कि बैठक में भाग लेने का कोई फायदा नहीं है, जब तक लंबित मुद्दों को संबोधित नहीं किया जाता है.

तीन अन्य प्रमुख विपक्षी नेता- तेलंगाना के के चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और बिहार के नीतीश कुमार जो अगले साल के लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त विपक्षी मोर्चे को एक साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, बैठक से बाहर रहे. एनडीए और विपक्ष दोनों से दूरी बनाए रखने वाले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी बैठक से अनुपस्थित रहे. मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, पटनायक बैठक में शामिल नहीं हुए क्योंकि उनका पहले से कहीं और कार्यक्रम तय था.

नीति आयोग ने कहा इस दिन भर चलने वाली बैठक के दौरान आठ प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें (पहला) विकसित भारत@2047, (दूसरा) एमएसएमई पर जोर, (तीसरा) बुनियादी ढांचा और निवेश, (चौथा) अनुपालन को कम करना, (पांचवा) महिला सशक्तिकरण, (छठा) स्वास्थ्य और पोषण, (सातवां) कौशल विकास, और (आठवां) क्षेत्र विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति जैसे विषय शामिल है.

इसमें कहा गया है, “बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों/उपराज्यपालों, पदेन सदस्यों के रूप में केंद्रीय मंत्रियों और नीति आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्यों की भागीदारी होगी.” 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की तैयारी के रूप में, दूसरा मुख्य सचिव सम्मेलन जनवरी 2023 में आयोजित किया गया था, जहां इन विषयों पर व्यापक चर्चा की गई थी. इसमें आगे कहा, “सम्मेलन से पहले विषय विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और चिकित्सकों के साथ व्यापक हितधारक परामर्श और विचार-मंथन सत्र आयोजित किए गए थे ताकि जमीनी स्तर के दृष्टिकोण को अच्छी तरह से विकसित किया जा सके.”

प्रेस रिलीज में कहा गया कि दूसरे मुख्य सचिवों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने भाग लिया, भारत सरकार के चुनिंदा सचिवों और सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक साथ लाया गया. जिन्होंने विषयगत सर्वोत्तम प्रथाओं और नीतिगत अंतर्दृष्टि को साझा करके सक्रिय रूप से भाग लिया. दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में भारत अपने आर्थिक विकास के पथ पर है जहां वह अगले 25 वर्षों में त्वरित विकास हासिल कर सकता है.

इस संदर्भ में, 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक 2047 तक विकसित भारत के लिए एक रोडमैप बनाने का अवसर प्रदान करती है जिसमें केंद्र और राज्य टीम इंडिया के रूप में मिलकर काम कर सकते हैं. नीति आयोग ने आगे कहा, “यह 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक भारत के जी20 प्रेसीडेंसी की पृष्ठभूमि में भी आयोजित की जा रही है. आयोग ने कहा, “उभरती दुनिया को भारत की मूल्य-आधारित नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता और बड़े पैमाने पर विकास प्रदान करने की क्षमता के लिए बहुत उम्मीदें हैं. केंद्र और राज्यों ने इस विशिष्ट विकास प्रक्षेपवक्र को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.”

भारत का विकास राज्यों के विकास के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है. जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने 76वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में कहा था, ‘जब हमारे राज्य बढ़ते हैं, भारत बढ़ता है’. यह अगली तिमाही सदी के लिए भारत की समावेशी और टिकाऊ विजन की मार्गदर्शक भावना होगी. इस विजन को प्राप्त करने के लिए, बैठक केंद्र-राज्य सहयोग को मजबूत करने और विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साझेदारी बनाने के लिए एक मंच प्रदान करेगी.

साभार : एनडीटीवी

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

भारत में रोजगार के संदर्भ में बदलना होगा अपना नजरिया

– प्रहलाद सबनानी भारतीय प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की सदस्य सुश्री शमिका रवि द्वारा …