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नरेंद्र मोदी से अल्पसंख्यकों पर सवाल पूछने वाली अमेरिकी पत्रकार हुई ट्रोल

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वाशिंगटन. पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान उनसे एक सवाल पूछने पर अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की पत्रकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, मोदी के दौरे के तीसरे दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में WSJ की पत्रकार सबरीना सिद्दिकी ने उनसे अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव को लेकर सवाल पूछा था। इसके बाद से सोशल मीडिया पर उन्हें लगातार ट्रोल किया जा रहा है। अब व्हाइट हाउस ने इसकी निंदा की है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा- इस तरह का उत्पीड़न स्वीकार नहीं किया जाएगा। किसी भी पत्रकार को प्रताड़ित करना लोकतंत्र के खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं। इससे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भी एक बयान जारी कर अपनी पत्रकार का समर्थन किया था।

WSJ बोला- सबरीना निष्पक्ष और ईमानदार पत्रकार
WSJ ने कहा था- सबरीना एक रिस्पेक्टेड जर्नलिस्ट हैं, जो अपनी निष्पक्ष रिपोर्टिंग और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं। इस तरह से उन्हें प्रताड़िता किया जाना गलत है और हम इसकी निंदा करते हैं। दरअसल, PM मोदी से सवाल करने के बाद सबरीना ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई थीं। सोशल मीडिया पर लोग उनकी आइडेंटिटी पर सवाल उठा रहे थे। कई यूजर्स उन्हें पाकिस्तानी और उनके सवाल को एक एजेंडा कह रहे थे। यूजर्स ने कहा था कि सबरीना को खासतौर पर इस सवाल के लिए चुना गया क्योंकि वो पाकिस्तानी हैं। BJP नेता अमित मालवीय ने भी सबरीना के सवाल को राजनीति से प्रेरित बताया था।

सबरीना ने पूछा था- मुस्लिमों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए क्या कर रही सरकार
अमेरिकी दौरे के तीसरे दिन PM मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था। इस दौरान WSJ की पत्रकार सबरीना ने उनसे पूछा था कि भारत खुद को लोकतांत्रिक देश मानता है, पर कई मानवाधिकार संगठन कहते हैं कि आपकी सरकार अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करती है। आप अपने देश में मुस्लिमों और दूसरे अल्पसंख्यकों के अधिकारों और अभिव्यक्ति की आजादी को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?

PM मोदी बोले- लोकतंत्र हमारे DNA में, किसी के साथ पक्षपात नहीं होता
इस पर PM मोदी ने उन्हें जवाब दिया था कि भारत लोकतांत्रिक है। भारत और अमेरिका दोनों के DNA में लोकतंत्र है। लोकतंत्र हमारी रगों में है, लोकतंत्र को हम जीते हैं। हमारे पूर्वजों ने उसे शब्दों में डाला है। हमारा संविधान, हमारी सरकार और हमने सिद्ध किया है कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवर जब मैं डिलीवर कहता हूं तब जाति, पंथ, धर्म किसी भी तरह के भेदभाव की वहां पर जगह नहीं होती है। जब आप लोकतंत्र कहते हैं तो पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

बराक ओबामा ने भी अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सवाल उठाए
इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सवाल उठाए थे। CNN को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था- अगर मेरी PM मोदी से मुलाकात होती तो मैं उनसे कहता कि अगर आप भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करेंगे तो एक पॉइंट पर आकर भारत के टूटने की शुरुआत हो जाएगी।

ओबामा ने यह भी कहा था कि बाइडेन को मोदी से मुलाकात के दौरान भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर बात करनी चाहिए। इस पर यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम’ (USCIRF) के पूर्व कमिश्नर जॉनी मूर ने कहा था- ओबामा को अपनी एनर्जी भारत की बुराई करने पर नहीं, बल्कि उसकी तारीफ पर खर्च करना चाहिए। उन्हें याद रखना चाहिए कि अमेरिका में भी रिलीजियस फ्रीडम के हालात अच्छे नहीं हैं।

वित्त मंत्री बोलीं- ओबामा के कार्यकाल में 6 मुस्लिम देशों पर अमेरिका ने बम गिराए
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था- ओबामा की बात सुनकर मैं हैरान रह गई थी। जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में भारत के बारे में बता रहे थे, उस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति भारतीय मुसलमानों के बारे में बात कर रहे थे। ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान अमेरिका ने 6 मुस्लिम बहुल देशों पर बम गिराए थे। इन देशों पर 26 हजार से ज्यादा बम गिराए गए थे।

 

साभार : दैनिक भास्कर

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