नई दिल्ली (मा.स.स.). आयुष मंत्रालय ने ‘आयुष सेक्टर पर मन की बात का प्रभाव’ पर केंद्रित केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) की आधिकारिक अनुसंधान पत्रिका जर्नल ऑफ रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (जेआरएएस) पत्रिका के एक विशेष संस्करण का विमोचन किया है। आयुष तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने आज आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पत्रिका का विशेष संस्करण का विमोचन किया।
अपने संबोधन में सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ संवाद आयुष को सकारात्मक विश्वास प्रदान करने में मददगार रहे हैं, प्रस्तुति की अपनी नवोन्मेषी तथा अनूठी संवादमूलक शैली के साथ, इस रेडियो कार्यक्रम ने अपने लिए एक उत्कृष्ट स्थान बनाया है और यह समुदायों के बीच लोकप्रिय हो गया है।’ पत्रिका के विशेष संस्करण के कंटेंट ने आयुष सेक्टर पर हमारे प्रधानमंत्री के विभिन्न विचारों से प्रेरणा ली है। आयुष का उल्लेख ‘मन की बात’ के लगभग 37 एपिसोडों में किया गया है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, योग अभ्यास करने, साक्ष्य आधारित आयुर्वेद को अंगीकार करने तथा जीवन के आयुर्वेद मार्ग को अपनी जीवनशैली में आत्मसात करने का आग्रह किया था। आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के परिणामस्वरूप न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ी है।
पत्रिका के विशेष संस्करण के कंटेंट पिछले नौ वर्षों के दौरान आयुष प्रणालियों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विभिन्न संवादों से प्रेरित है। यह आयुष सेक्टर पर ‘मन की बात’ के प्रभाव और किस प्रकार आयुष देश की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति तथा स्वास्थ्य युक्तियों का एक मूलभुत स्तंभ बन रहा है, को रेखांकित करता है। विख्यात विशेषज्ञों के कुल 24 लेख, सात संभावित क्षेत्रों अर्थात नीति एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य, विज्ञान एवं साक्ष्य, स्वास्थ्य शिक्षा एवं जागरूकता, योग एवं स्वास्थ्यवृत्त (जीवन शैली, व्यायाम, भोजन, पोषण), कोरोना के विरुद्ध युद्ध, उद्योग एवं शिक्षा क्षेत्र सहयोग तथा वैश्विकरण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर लिखे गए हैं।
विशेष संस्करण में आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, आयुष राज्यमंत्री डॉक्टर मुंजपारा महेंद्रभाई के विशेष संदेश शामिल हैं। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, शिक्षा क्षेत्र (जैसे-एनएमसी के डॉक्टर बी.एन. गंगाधर तथा एनआईएमएचएएनएस के पूर्व निदेशक) के विख्यात लेखक, उद्योग (जैसे पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण, इमामी के डॉक्टर सी.के.कटियार), अनुसंधान (सीएसआईआर-टीकेडीएल के डॉक्टर सत्तिगिरी), क्लिनिशियन, विशेषज्ञ (मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉक्टर राजेन्द्र ए. बडवे), जैवप्रौद्योगिकी विशेषज्ञ (प्रोफेसर एवं सावित्री भाईफुले पुणे विश्वविद्यालय के जैवप्रौद्योगिकी की प्रमुख कल्पना जोशी), अंतररराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं हितधारकों (जर्मनी, स्वीडन और अमरीका के) ने इस संस्करण में योगदान दिया है।
जर्नल ऑफ रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (जेआरएएस) नई दिल्ली के केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) की एक समकक्ष-समीक्षित, ओपेन एक्सेस, यूजीसी-केयर सूचीबद्ध आधिकारिक पत्रिका है। इस पत्रिका का प्रकाशन त्रैमासिक रूप से किया जाता है तथा यह प्रिंट एवं ऑनलाइन दोनों ही रूपों में उपलब्ध है। यह आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्ध अंतरविषयक स्वास्थ्य विज्ञानों सहित होम्योपैथी क्षेत्रों में अनुसंधान के प्रकाशन के लिए एक बहु-विषयक मंच है। इस पत्रिका का प्रकाशन मेडनो द्वारा किया जाता है जो अपने पोर्टफोलियो में 450 से अधिक चिकित्सा पत्रिकाओं के साथ विश्व के सबसे बड़े ओपेन एक्सेस प्रकाशकों में से एक, वोल्टर्स क्लुवर हेल्थ का एक हिस्सा है।
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