नई दिल्ली. आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) ने अपने 12,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक के अंतिम तिथि में बदलाव किया है। कंपनी ने लास्ट डेट को 29 जून से बढ़ाकर 30 जून कर दिया है। बाजार नियामक सेबी ने विप्रो को कल यानी 27 जून को बायबैक के लास्ट डेट को बढ़ाने की मंजूरी दी थी।
कितने शेयरों का होगा बायबैक?
कंपनी के बोर्ड ने 26,96,62,921 इक्विटी शेयरों तक बायबैक के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जो कुल भुगतान किए गए इक्विटी शेयरों का 4.91 प्रतिशत है जिसकी कुल राशि 445 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की कीमत पर 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं है।
इस वजह से बढ़ा लास्ट डेट
नियम के मुताबिक, बायबैक को 5 कार्य दिवसों तक खुला रखना जरूरी होता है। विप्रो ने 22 जून को बायबैक खोला था जो नियम के मुताबिक कल यानी 29 जून को बंद होना था लेकिन कल शेयर बाजार बकरीद त्योहार की वजह से बंद है, जिसके चलते विप्रो ने लास्ट डेट को बढ़ाकर 30 जून कर दिया है।
कब है वेरिफिकेशन की लास्ट डेट?
बायबैक के खत्म होने के बाद, विप्रो के बायबैक के लिए रजिस्ट्रार द्वारा वेरिफिकेशन की अंतिम तिथि 4 जुलाई तय की गई है। इसके अलावा रजिस्ट्रार द्वारा स्टॉक एक्सचेंजों को निविदा इक्विटी शेयरों की स्वीकृति/गैर-स्वीकृति की तारीख 6 जुलाई तय की गई है। वहीं 7 जुलाई को बोलियों के निपटान की आखिरी तारीख तय की गई है। जहां पात्र शेयरधारकों/शेयर दलालों को अस्वीकार्य इक्विटी शेयरों की वापसी; बायबैक ऑफर में भाग लेने वाले पात्र शेयरधारकों को प्रतिफल का भुगतान किया जाएगा।
बायबैक से क्या करेगी कंपनी?
बायबैक के माध्यम से, विप्रो अपने इक्विटी शेयर रखने वाले शेयरधारकों को उनकी शेयरधारिता के अनुपात में सरप्लस नकदी दे सकेगी, जिससे शेयरधारकों के कुल रिटर्न में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, बायबैक से विप्रो को अपने इक्विटी आधार को कम करके प्रति शेयर आय और इक्विटी पर रिटर्न जैसे वित्तीय अनुपात में सुधार करने में मदद मिलेगी।
कंपनी के शेयर पर एक नजर
बुधवार 28 जून को कंपनी के शेयर खबर लिखे जाने तक लाल निशान पर ट्रेड कर रहे हैं। एनएसई पर कंपनी के शयेर 0.17 प्रतिशत टूटकर 381 पर कारोबार कर रहे हैं।
साभार : दैनिक जागरण
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