मुंबई. जीका वायरस ने एक बार फिर से डराना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र के पुणे जिले में जीका वायरस के केस मिलने से हड़कंप मच गया है. पुणे में जीका वायरस संक्रमण के छह मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जीका वायरस के इन 6 मरीजों में से दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. दरअसल, जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. मच्छर की इसी प्रजाति को डेंगू और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण फैलाने के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है. इस जीका वायरस की सबसे पहले 1947 में युगांडा में पहचान हुई थी.
2 गर्भवती महिलाएं भी पॉजिटिव
अधिकारियों ने कहा कि एरंडवाने इलाके की 28 वर्षीय गर्भवती महिला में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया. शुक्रवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. 12 सप्ताह की गर्भवती एक अन्य महिला में भी सोमवार को संक्रमण पाया गया. दोनों महिलाओं की हालत अभी ठीक है और उनमें कोई लक्षण नहीं है. बता दें कि गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस के कारण भ्रूण में माइक्रोसेफेली (ऐसी स्थिति जिसमें असामान्य मस्तिष्क विकास के कारण सिर काफी छोटा हो जाता है) हो सकता है.
डॉक्टर भी आ चुका जीका की चपेट में
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने कहा, ‘जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला एरंडवाने में सामने आया, जहां 46 वर्षीय डॉक्टर की रिपोर्ट सकारात्मक आई थी. उसके बाद उनकी 15 वर्षीय बेटी भी इस संक्रमण से संक्रमित पाई गई. इसके बाद मुंधवा से दो मामले सामने आए थे, जिसमें 47 वर्षीय एक महिला और 22 वर्षीय एक पुरुष जीका वायरस संक्रमित था.’
क्या हैं जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस आमतौर पर मच्छर के काटने से ही होता है. कहा जाता है कि जीका वायरस से संक्रमित 5 मरीजों में से एक मरीज में इसका कोई लक्षण नहीं दिखता. जीका वायरस एडीज मच्छर में पाया जाता है. इसके काटने से ही यह बीमारी होती है. अगर कोई लक्षण दिखता है तो यह संक्रमण के 2-14 दिनों के बीच दिखता है. एक सप्ताह के अंदर कुछ लक्षण दिखने लगते हैं. आमतौर पर जीका वायरस का संक्रमण होने के बाद मरीज में हल्का बुखार, स्किन पर रैशेज, जोड़ों में दर्द, खासकर हाथ और पैर के ज्वांट में दर्द और आंखों में लालीपन आ जाता है. इसके अलावा कुछ रोगियों में जीका वायरस संक्रमण के बाद मसल्स पेन, सिर दर्द, आंखों में दर्द, थकान, असहज महसूस होना और पेट में भी दर्द होता है.
साभार : न्यूज18
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