बेंगलुरु. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। वहीं, राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान 31 साल पुराने मामले में गिरफ्तार एक कारसेवक श्रीकांत पुजारी को हुबली के प्रथम अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने सशर्त जमानत दे दी है। गिरफ्तार पुजारी को फिलहाल अभी रिहा नहीं किया गया है। हालांकि, तकनीकी कारणों से उन्हें शनिवार को रिहा कर दिया जाएगा।
सरकारी वकील ने दी थी रिहाई के खिलाफ दलील
मालूम हो कि सरकारी वकील ने पुजारी की रिहाई के खिलाफ दलील दी थी। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा था कि आरोपी श्रीकांत पुजारी 31 साल से फरार है और उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि, आरोपी के वकील ने कहा कि पुजारी पिछले 40 सालों से उसी पते पर रह रहा था और उसने अदालतों में जाकर अपने खिलाफ मामलों में जमानत ली थी और पुलिस के सामने भी पेश हुआ था।
कब हुई थी गिरफ्तारी?
मालूम हो कि श्रीकांत पुजारी को पिछले साल 29 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद विवाद पैदा हो गया था। पुजारी श्रीकांत की गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक भाजपा ने पूरे राज्य भर में विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला शुरू करते हुए उनकी गिरफ्तारी की निंदा की थी। भाजपा ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए एक अभियान भी शुरू किया था।
आर अशोक ने सिद्दरमैया सरकार पर बोला हमला
वहीं, पुजारी श्रीकांत की गिरफ्तारी को लेकर कर्नाटक में विपक्ष के नेता आर अशोक ने शुक्रवार को सीएम सिद्दरमैया पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कारसेवकों को झूठे मामलों में गिरफ्तार करने के लिए भगवान श्रीराम मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को कभी माफ नहीं करेंगे।
साभार : दैनिक जागरण
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