नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (5 सितंबर 2024) को दिल्ली शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. ऐसे अब अरविंद केरजरीवाल फिर से जेल में ही रहेंगे. इस मामले में 10 सितंबर 2024 को फैसला आ सकता है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कथित शराब घोटालने में सीबीआई ने करीबी दो साल तक उन्होंने गिरफ्तार नहीं किया और जब ईडी की ओर से दर्ज धन शोधन मामले में जमानत मिली तो 26 जून को गिरफ्तार किया. उनके वकील अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया.
केजरीवाल के वकील ने किया जमानत का अनुरोध
वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के सीएम के लिए जमानत का अनुरोध करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल एक संवैधानिक पद के पदाधिकारी हैं और उनके भागने का कोई खतरा नहीं है. इस पर एसवी राजू ने कहा कि कानून में कोई भी खास आदमी नहीं होता, सब आम आदमी होते हैं. सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, “मुझे बताया गया है कि कोर्ट ने भी चार्जशीट का संज्ञान लिया है. इसका मतलब यह है कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है. आज अगर माननीय जस्टिस सीएम केजरीवाल को जमानत देते हैं तो यह हाईकोर्ट के लिए मनोबल गिराने वाली बात होगी.”
‘शॉर्टकट अपना रहे केजरीवाल’
एसवी राजू ने दलील दी कि मनीष सिसोदिया, बीआरएस नेता के. कविता ये लोग जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट गए थे, लेकिन केजरीवाल सांप-सीढ़ी के खेल की तरह शॉर्टकट अपना रहे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ के सामने एसवी राजू ने कहा, अरविंद केजरीवाल को लगता है कि वो असाधारण व्यक्ति हैं, जिनके लिए अलग नियम कानून होंगे. गिरफ्तारी पर सुनवाई को लिए सुप्रीम कोर्ट ही एक अदालत नहीं होनी चाहिए. दिल्ली के सीएम को ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए.” एसवी राजू ने कहा कि स्पेशल कोर्ट से परमिशन मिलने के बाद वारंट जारी हुआ और उसके बाद सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया.
साभार : एबीपी न्यूज़
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