कोलकता. राम मंदिर के उद्घाटन हुए एक साल होने वाले है, लेकिन आज भी बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद कायम है. हाल ही में पश्चिम बंगाल के तृणमूल (टीएमसी) के भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर ने इस विवाद को फिर से भड़का दिया है. भरतपुर विधायक ने मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के उलटाडांगा और बहरमपुर इलाके में जितने भी मदरसे हैं, उनके अध्यक्ष और महासचिवों को मिलाकर 100 या उससे अधिक लोगों की एक बाबरी कमेटी बनाई जाएगी. अगले वर्ष 6 दिसंबर तक बाबरी मस्जिद की नींव रख दी जाएगी. कौन हैं हुमायूं कबीर, राजनीति में कैसा है दबदबा, करियर और उनके विवादों के बारे में चलिए सबकुछ जानते हैं.
हुमायूं कबीर का जन्म पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुआ. उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद राजनीति में कदम रखा. अल्पसंख्यक समुदाय के एक प्रभावशाली नेता के रूप में उन्होंने स्थानीय राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बनाई. हुमायूं कबीर ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस के साथ शुरू किया और मुर्शिदाबाद जिले में पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक बने. उन्होंने पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा.
पहली जीत और मंत्री
साल 2011 में, उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया. उसी साल उन्होंने रेजीनगर विधानसभा सीट से टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी भी रहे. वे ममता बनर्जी के पहले कार्यकाल में शिक्षा और अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री बनाया गया. पार्टी में अंदर मतभेदों के कारण इस्तीफा दे दिया था. दोबारा कांग्रेस में वापसी की, लेकिन मन टीएमसी में रमा रहा. इसलिए कुछ समय बाद ही उन्होंने फिर से ज्वॉइन कर ली. कबीर ने 2021 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भरतपुर सीट से चुनाव लड़े और जीते भी. वर्तमान में वे टीएमसी के विधायक हैं.
विवादों से पुराना रिश्ता
टीएमसी नेता हुमायूं कबीर का विवादों पुराना नाता है. 2024 लोकसभा के चुनाव के दौरान मई में कबीर ने भाजपा के समर्थकों पर काफी विवादित बयान दिया था. उन्होंने चुनाव के दौरान उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि मुर्शिदाबाद में 70% से अधिक में, उन्होंने भाजपा मुसलमान हैं और उन्हें हिन्दुओं को काटकर भागीरथी में बहाने में समय नहीं लगेगा. इसी साल नवंबर 2024 में, उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेतृत्व पर “आंतरिक गुटबाजी” का आरोप लगाया, जिसके बाद उन्हें पार्टी से माफी मांगनी पड़ी. अब उन्होंने अगले साल 6 दिसंबर तक बाबरी मस्जिद की नींव रखने का ऐलान का नया विवादित बयान दिया है.
साभार : न्यूज18
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