नई दिल्ली. विजिलेंस विभाग ने गुरुवार को सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार को बर्खास्त कर दिया। विशेष सचिव सतर्कता वाई. वी. वी. जे. राजशेखर ने उनके खिलाफ 2007 के एक लंबित मामले का हवाला देते हुए आदेश पारित किया है। अरविंद केजरीवाल के लिए सतर्कता निदेशालय का यह आदेश किसी झटके से कम नहीं है। हाल ही में ईडी ने बिभव कुमार से भी शराब घोटाले को लेकर पूछताछ की थी।
क्यों हटाए गए विभव कुमार?
विजिलेंस निदेशालय ने केजरीवाल को एक और झटका देते हुए उनके निजी सचिव की सेवा ही समाप्त कर दी। निदेशालय का कहना है कि बिभव कुमार की नियुक्ति अवैध और अमान्य थी। डायरेक्टोरेट ऑफ विजिलेंस(DOV) ने अपने आदेश में कहा कि बिभव कुमार की नियुक्ति केंद्रीय सिविल सेवा के नियमों का उल्लंघन करके की गई थी। आदेश के मुताबिक, बिभव कुमार का अपाइंटमेंट निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का ईमानदारी से पालन करे बिना किया गया था। इसलिए ऐसी नियुक्ति अवैध और अमान्य है। विशेष सचिव सतर्कता वाई. वी. वी. जे. राजशेखर ने उनके खिलाफ 2007 के एक लंबित मामले का हवाला देते हुए आदेश पारित किया है। आदेश में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकरण इसके द्वारा केंद्रीय सिविल सेवा (अस्थायी सेवा) नियम, 1965 के नियम 5 के प्रावधानों के संदर्भ में बिभव कुमार की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है।
शराब घोटाला मामले में हो चुकी है पूछताछ
ईडी ने कुछ दिन पहले ही केजरीवाल के निजी सचिव से दिल्ली शराब घोटाले के संबंध में पूछताछ की थी। ईडी के अधिकारियों ने कहा था कि विभव ने अपने मोबाइल नंबर का आईएमईआई सितंबर 2021 से जुलाई 2022 के बीच 4 बार बदला था। बिभव कुमार का बयान पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था। बिभव कुमार से पहले दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद भी पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उनके घर ईडी का छापा पड़ा था। उन्होंने आम आदमी पार्टी तक को करप्ट बताया था।
साभार : नवभारत टाइम्स
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