चंडीगढ़. हरियाणा की अल्पमत में आई भाजपा सरकार को बर्खास्त करने तथा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर कांग्रेस और जजपा दोनों दल बुरी तरह से फंस गए हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ने रविवार को संकेत दिए कि भाजपा सरकार लोकसभा चुनाव (Haryana Lok Sabha Election 2024) के बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है और फ्लोर पर बहुमत साबित करने को तैयार है।
88 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 45 विधायक
इसके साथ ही राज्यपाल (Bandaru Dattatreya) ने कांग्रेस से अपने सभी 30 विधायकों के हस्ताक्षरों वाला पत्र देने को कहा है, ताकि राज्यपाल फैसला ले सकें कि उन्हें क्या करना है। हालांकि कांग्रेस ने राजभवन से अभी इस तरह के निर्देश जारी होने की पुष्टि नहीं की है। 88 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास फिलहाल 45 विधायकों का समर्थन हासिल है, जबकि जजपा व कांग्रेस अपनी पार्टी के सभी विधायकों व एक इनेलो व एक निर्दलीय विधायक को जोड़ते हुए भाजपा सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रहे हैं।
कांग्रेस ने भी अपने साथ 30 विधायक होने का किया दावा
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी राजनीतिक अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि जजपा (JJP News) को वैसे तो भाजपा द्वारा बहुमत साबित करने की मांग नहीं करनी चाहिए थी, लेकिन जब उन्होंने कर ही दी तो हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जजपा पूरी तरह से फूट का शिकार है। उसके छह विधायक हमारे संपर्क में हैं। जो फ्लोर पर भाजपा का साथ देंगे। इसी तरह, कांग्रेस (Haryana Congress) ने भी अपने साथ 30 विधायक होने का दावा किया है, जो कि ठीक नहीं है। कांग्रेस के भी पांच से छह विधायक हमारे संपर्क में हैं, जो सरकार को अस्थिर करने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं हैं।
30 विधायकों के हस्ताक्षर करवाने के बाद राजभवन में दें पत्र-राज्यपाल
मनोहर लाल ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) की ओर से राज्यपाल को दिया गया पत्र कोई अधिकृत पत्र नहीं है। उस पर हुड्डा के कार्यालय सचिव के हस्ताक्षर हैं, जिनकी कोई महत्ता नहीं है। वैसे भी राज्यपाल ने कांग्रेस से कह दिया है कि वह अपने 30 विधायकों के हस्ताक्षर करवाने के बाद राजभवन में पत्र दें। तब हम फैसला करेंगे कि क्या करना है। कांग्रेस की फूट हर किसी को पता है। कांग्रेस कभी एकजुट नहीं हो सकती। इसलिए हुड्डा अपने साथ भले ही 30 विधायक होने का दावा करते रहें, लेकिन उनके साथ सभी विधायक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई विधायक लगातार हमारे संपर्क में हैं और भाजपा की नीतियों के प्रति अपना समर्थन जाहिर कर रहे हैं।
भाजपा के पास बहुमत से भी ज्यादा विधायकों का समर्थन- सुभाष बराला
दूसरी तरफ, हरियाणा भाजपा (Haryana BJP) की चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक एवं राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला (Subhash Barala) ने दावा किया कि प्रदेश की भाजपा सरकार को किसी तरह का संकट नहीं है। भाजपा के पास बहुमत से भी ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार को किसी तरह का खतरा न पहले था और न ही अब है। जजपा पूरी तरह से बिखर चुकी है, जबकि कांग्रेस में आपसी गुटबाजी इस कदर हावी है कि कांग्रेस विधायक वहां बेचैनी महसूस कर रहे हैं। बराला ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो भाजपा अपना फ्लोर टेस्ट देने को तैयार है।
भाजपा की इस रणनीति से घिरी कांग्रेस ने बैकफुट पर आते हुए कह दिया है कि वह जजपा के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाएगी। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा है कि हम जजपा के साथ सरकार बनाने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी ओर से राज्यपाल को भेजे पत्र में भी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया है। हमने कहा है कि भाजपा सरकार अल्पमत में है और वह अपना विश्वास खो चुकी है। इसलिए राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लगाकर सरकार को बर्खास्त करते हुए विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिएं।
साभार : दैनिक जागरण
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