रविवार, दिसंबर 22 2024 | 04:55:32 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / कोविड के समय सबने देख लिया कि रेहड़ी-पटरी वालों की ताकत क्या होती है : नरेंद्र मोदी

कोविड के समय सबने देख लिया कि रेहड़ी-पटरी वालों की ताकत क्या होती है : नरेंद्र मोदी

Follow us on:

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से बात करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी हरदीप सिंह पुरी जी, भागवत कराड जी, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर, वी के सक्सेना जी, यहां उपस्थित अन्य सभी महानुभाव, और आज के कार्यक्रम की विशेषता ये है कि देश के सैंकड़ों शहरों में लाखों रेहड़ी-पटरी वाले हमारे भाई बहन वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से हमारे साथ जुड़े हुए हैं। मैं उन सबका भी स्वागत करता हूं।

आज का ये, पीएम स्वनिधि महोत्सव, उन लोगों को समर्पित है जो हमारे आसपास तो रहते ही हैं और जिनके बिना हमारी रोजमर्रा की जिंदगी की कल्पना भी मुश्किल है। और कोविड के समय सबने देख लिया कि रेहड़ी-पटरी वालों की ताकत क्या होती है। हमारे रेहड़ी-पटरी वाले, ठेले वाले, सड़क किनारे दुकान लगाने वाले ऐसे हर साथी का मैं आज इस उत्सव में हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। आज देश के कोने-कोने से जो साथी जुड़े हैं, उनको भी इस पीएम स्वनिधि का एक विशेष लाभ आज एक लाख लोगों को पीएम स्वनिधि योजना के तहत सीधे उनके बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए गए हैं। और सोने में सुहागा है, आज यहां, दिल्ली मेट्रो के लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक और इंद्रप्रस्थ से इंद्रलोक मेट्रो प्रोजेक्ट का भी उसके विस्तार का शिलान्यास हुआ है। ये दिल्ली के लोगों के लिए डबल तोहफ़ा है। मैं आप सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

हमारे देशभर के शहरों में बहुत बड़ी संख्या में रेहड़ी-फुटपाथ पर, ठेले पर लाखों साथी काम करते हैं। ये वो साथी हैं, जो आज यहां मौजूद हैं। जो स्वाभिमान से मेहनत करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। इनके ठेले, इनकी दुकान भले छोटी हो, लेकिन इनके सपने छोटे नहीं होते हैं, इनके सपने भी बड़े होते हैं। अतीत में पहले की सरकारों ने इन साथियों की सुध तक नहीं ली। इनको अपमान सहना पड़ता था, ठोकरें खाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। फुटपाथ पर सामान बेचते हुए पैसे की जरूरत पड़ जाती थी, तो मजबूरी में महंगे ब्याज़ पर पैसा लेना पड़ता था। और लौटाने में अगर कुछ दिन की देरी हो गई, अरे कुछ घंटे की देरी हो गई तो अपमान के साथ-साथ ब्याज भी ज्यादा भरना पड़ता था। और बैंकों में खाते तक नहीं थे, बैंकों में प्रवेश ही नहीं हो पाता था, तो लोन मिलने का तो सवाल ही नहीं उठता है।

खाता खुलवाने तक के लिए भी अगर कोई पहुंच भी गया तो भांति-भांति की गारंटी उसको देनी पड़ती थी। और ऐसे में बैंक से लोन मिलना भी असंभव ही था। जिनके पास बैंक खाता था, उनके पास व्यापार का कोई रिकॉर्ड नहीं होता था। इतनी सारी समस्याओं के बीच कोई भी व्यक्ति कितने ही बड़े सपने हो लेकिन  आगे बढ़ने के लिए कैसे सोच सकता है? आप साथी मुझे बताइए, मैं जो वर्णन कर रहा हूं क्या ऐसी समस्याएं आपको थीं कि नहीं थी? सबको थी? पहले की सरकार ने आपकी ये समस्याएं न सुनी, न समझीं, न समस्या का समाधान करने के लिए कभी कोई कदम उठाया। आपका ये सेवक गरीबी से निकलकर यहां पहुंचा है। मैं गरीबी को जीकर के आया हूं। और इसलिए जिसको किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूछा भी है और मोदी ने पूजा भी है। जिनके पास गारंटी देने के लिए कुछ नहीं था, तो मोदी ने कह दिया था

बैंकों से भी और रेहड़ी पटरी वाले भाई-बहन को भी अगर आपके पास गारंटी देने के लिए कुछ नहीं है तो चिंता मत कीजिए मोदी आपकी गारंटी लेता है, और मैंने आपकी गारंटी ली। और मैं आज बड़े गर्व के साथ कहता हूं कि मैंने बड़े-बड़े लोगों की बेईमानी को भी देखा है और छोटे-छोटे लोगों की ईमानदारी को भी देखा है। पीएम स्वनिधि योजना मोदी की ऐसी ही गारंटी है, जो आज रेहड़ी, पटरी, ठेले, ऐसे छोटे-छोटे काम करने वाले लाखों परिवारों का संबल बनी है। मोदी ने तय किया कि इनको बैंकों से सस्ता ऋण मिले, और मोदी की गारंटी पर लोन मिले। पीएम स्वनिधि इसके तहत पहले, पहली बार जब आप लोन लेने जाते हैं तो 10 हज़ार रुपया देते हैं।

अगर आप उसको समय पर  चुकाते हैं तो बैंक खुद आपको 20 हजार की ऑफर करता है। और ये पैसा भी समय पर चुकाने पर, और डिजिटल लेन-देन करने पर  50 हजार रुपए तक की मदद बैंकों से सुनिश्चित हो जाती है। और आज आपने यहां देखा, कुछ लोग वो थे जिनको 50 हजार वाली किस्त मिली है। यानि छोटे कारोबार को विस्तार देने में पीएम स्वनिधि योजना से बहुत बड़ी मदद मिली है। अभी तक देश के 62  लाख से अधिक लाभार्थियों को लगभग 11 हज़ार करोड़ रुपए मिल चुके हैं। से आंकड़ा छोटा नहीं है, रेहड़ी-पटरी वाले भाई-बहनों के हाथ में ये मोदी का उन पर भरोसा है कि 11 हजार करोड़ रुपए उनके हाथ में दिए हैं। और अब तक का मेरा अनुभव है, समय पर पैसे वो लौटाते हैं। और मुझे खुशी है कि पीएम स्वनिधि के लाभार्थियों में आधे से अधिक हमारी माताएं-बहनें हैं।

कोरोना के समय में जब सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी, तो किसी को अंदाजा नहीं था कि ये कितनी बड़ी योजना बनने जा रही है। तब कुछ लोग कहते थे कि इस योजना से कुछ खास फायदा नहीं होगा। लेकिन पीएम स्वनिधि योजना को लेकर हाल में जो स्टडी आई है, वो ऐसे लोगों की आंखें खोल देने वाली है। स्वनिधि योजना की वजह से रेहड़ी-फुटपाथ-ठेले पर काम करने वालों की कमाई काफी बढ़ गई है। खरीद-बिक्री का डिजिटल रिकॉर्ड होने की वजह से अब बैंकों से आप सभी को मदद मिलने में भी आसानी हो गई है। यही नहीं, डिजिटल लेन-देन करने पर इन साथियों को साल में 1200 रुपए तक का कैशबैक भी मिलता है। यानि एक प्रकार का प्राइज मिलता है, ईनाम मिलता है।

रेहड़ी-फुटपाथ-ठेले पर काम करने वाले आप जैसे लाखों परिवारों के लोग शहरों में बहुत कठिन परिस्थितियों में रहते रहे हैं। आप में से ज्यादातर, अपने गांवों से आकर शहरों में ये काम करते हैं। ये जो पीएम स्वनिधि योजना है, ये सिर्फ बैंकों से जोड़ने का कार्यक्रम भर नहीं है। इसके लाभार्थियों को सरकार की दूसरी योजनाओं का भी सीधा लाभ मिल रहा है। आप जैसे सभी साथियों को मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज और मुफ्त गैस कनेक्शन की सुविधा मिल रही है। आप सभी जानते हैं कि कामकाजी साथियों के लिए शहरों में नया राशन कार्ड बनाना कितनी बड़ी चुनौती थी। मोदी ने आपकी इस परेशानी को दूर करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसलिए, एक देश एक राशन कार्ड, One Nation One Ration Card, योजना बनाई गई है। अब एक ही राशन कार्ड पर देश में कहीं पर भी राशन मिल जाता है।

रेहड़ी-फुटपाथ-ठेले पर काम करने वाले ज्यादातर साथी झुग्गियों में रहते हैं। मोदी ने इसकी भी चिंता की है। देश में जो 4 करोड़ से अधिक घर बने हैं, इनमें से करीब एक करोड़ घर शहरी गरीबों को मिल चुके हैं। देश के अलग-अलग शहरों में इसका बड़ा लाभ गरीबों को मिल रहा है। भारत सरकार राजधानी दिल्ली में भी झुग्गियों की जगह पक्के आवास देने का बड़ा अभियान चला रही है। दिल्ली में 3 हज़ार से अधिक घरों का निर्माण पूरा हो चुका है, और साढ़े 3 हज़ार से अधिक घर जल्दी ही पूरे होने वाले हैं। दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियों के रेगुलराइजेशन का काम भी तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। हाल में भारत सरकार ने पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना भी शुरु की है। इस योजना के तहत छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए केंद्र सरकार पूरी मदद देगी। इससे 300 यूनिट तक फ्री बिजली मिलेगी। बाकी बिजली, सरकार को बेचकर कमाई भी होगी। सरकार इस योजना पर 75 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।

केंद्र की भाजपा सरकार दिल्ली में गरीब और मध्यम वर्ग का जीवन बेहतर बनाने के लिए दिन रात काम कर रही है। एक तरफ हमने शहरी गरीबों के लिए पक्के घर बनाए, तो मध्यम वर्ग के परिवारों का घर बनाने के लिए भी मदद की। देशभर में मिडिल क्लास के लगभग 20 लाख परिवारों को घर बनाने के लिए करीब 50 हज़ार करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा चुकी है। हम देश के शहरों में ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए ईमानदारी से जुटे हुए हैं। इसके लिए देश के दर्जनों शहरों में मेट्रो सुविधा पर काम हो रहा है, इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं। दिल्ली मेट्रो का दायरा भी 10 साल में करीब-करीब दोगुना हो चुका है।

दिल्ली जितना बड़ा मेट्रो नेटवर्क, दुनिया के गिने-चुने देशों में है। बल्कि अब तो दिल्ली-NCR, नमो भारत, जैसे रैपिड रेल नेटवर्क से भी जुड़ रहा है। दिल्ली में ट्रैफिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। केंद्र सरकार ने दिल्ली में एक हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलवाई हैं। दिल्ली के चारों तरफ जो एक्सप्रेस-वे हमने बनाए हैं, उससे भी ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या कम हो रही है। कुछ दिन पहले ही द्वारका एक्सप्रेस-वे का भी लोकार्पण हुआ है। इससे दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी का जीवन आसान होगा।

भाजपा सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि गरीब और मिडिल क्लास के युवा, खेलकूद में आगे बढ़ें। इसके लिए बीते 10 वर्षों में हमने हर स्तर पर माहौल बनाया है। खेलो इंडिया योजना से देशभर में सामान्य परिवारों के वो बेटे-बेटियां भी आगे आ रहे हैं, जिन्हें पहले अवसर मिलना असंभव था। आज उनके घर के आसपास ही अच्छी खेल सुविधाएं बन रही हैं, सरकार उनकी ट्रेनिंग के लिए मदद दे रही है। इसलिए, मेरे गरीब परिवार से निकले खिलाड़ी भी तिरंगे की शान बढ़ा रहे हैं।

मोदी, गरीब और मध्यम वर्ग का जीवन बेहतर बनाने में जुटा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ, इंडी गठबंधन है, जो मोदी को दिन-रात गालियां देने के घोषणापत्र के साथ दिल्ली में एकजुट हो गया है। ये जो इंडी गठबंधन है, इनकी विचारधारा क्या है? इनकी विचारधारा है, कुशासन की, करप्शन की और देश विरोधी एजेंडे को हवा देने की। और मोदी की विचारधारा है- जनकल्याण से राष्ट्रकल्याण की, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण को जड़ से मिटाने की, और भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की। ये कहते हैं कि मोदी का परिवार नहीं है। मोदी के लिए तो देश का हर परिवार, अपना परिवार है। और इसलिए आज पूरा देश भी कह रहा है- मैं हूं, मोदी का परिवार ! देश के सामान्य मानवी के सपने और मोदी के संकल्प, यही साझेदारी, शानदार भविष्य की गारंटी है।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon.in/dp/9392581181/

https://www।flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

संसद का शीतकालीन सत्र खत्म, लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए हुई स्थगित

नई दिल्ली. 18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार (20 दिसंबर) को समाप्त हो गया। यह …