नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पहली बार संघ और संगठन की समन्वय बैठक होने जा रही है. ये कोऑर्डिनेशन मीटिंग 31 जुलाई से 2 अगस्त तक केरल के पलक्कड़ में होगी. इसमें कई मुद्दों के अलावा बीजेपी के चुनावी प्रदर्शन पर भी चर्चा हो सकती है. बीजेपी इस बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने से चूक गई और बहुमत से 32 सीट पीछे रह गई. चाहे जो चुनाव रहा हो आरएसएस हमेशा से बीजेपी के साथ साय की तरह ही रहा है. यही एक कारण है कि एनडीए गठबंधन ने तीसरी बार सरकार बनाई है.
सरकार बनाने के बावजूद बीजेपी अपने प्रदर्शन को लेकर मंथन कर रही है. साल में दो बार 6 महीने के अंतराल पर संघ और बीजेपी की समन्वय बैठक होती है. ऐसे में केरल के पलक्कड़ में हो रही इस बैठक को अहम माना जा रहा है. दक्षिण में इस बार बीजेपी ने बढ़िया प्रदर्शन किया है. तमिलनाडु जैसे राज्य में बीजेपी भले ही एक भी सीट न जीत पाई हो, लेकिन वोट प्रतिशत में अच्छी खासी बढ़ोतरी प्राप्त की है. बीजेपी ने इस चुनाव में केरल में भी एक लोकसभा सीट जीती है. बीते 10 सालों में जो करिश्मा कोई नहीं कर सका वो सुरेश गोपी ने कर दिखाया. केरल के त्रिशूर में बीजेपी का कमल खिलाया. और मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री का पद भी मिल गया.
योगी से करेंगे मुलकात
संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी लोकसभा चुनाव के बाद 15 जून को पहली बार मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कई मुद्दों के अलावा यूपी में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर भी दोनों के बीच चर्चा हो सकती है. छले दो दिनों से भागवत गोरखपुर में ही मौजूद है. यहां इनका 5 दिन का प्रवास चल रहा है. 13 जून से ही आरएसएस प्रमुख भागवत का विकास वर्ग में संबोधन शुरू हो गया था.
संघ प्रमुख की राय अहम
संघ प्रमुख 31 जुलाई से 2 अगस्त तक केरल में बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण नेताओं और संगठन से जुड़े लोगों के साथ उनकी मुलाकात होनी है. समन्वय बैठक की रूपरेखा तैयार की जा रही है. ऐसी बैठक में लिए गए निर्णय और प्रस्ताव पर संघ प्रमुख की राय को अहम माना जाता है.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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