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यूपीपीएससी परीक्षा को लेकर योगी सरकार ने मानी छात्रों की मांग

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने यूपीपीएससी की परीक्षा एक दिन में कराने के लिए छात्रों की मांग को स्वीकार कर लिया है। आयोग ने छात्रों की वन डे वन शिफ्ट की मांग मान ली है। इसके लिए छात्र चार दिनों से आंदोलन कर रहे थे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आगामी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है।

पिछले कुछ दिनों से पीसीएस और अन्य चयन परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एकाधिक पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित कर आवश्यक निर्णय लें। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।

आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन

मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।

चयन परीक्षाओं की पारदर्शिता पर विशेष ध्यान

आयोग के सचिव ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसी कारण, आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एकाधिक पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी। हालांकि, छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।

छात्रों को मिलेगा फायदा

इस फैसले से लाखों छात्र जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही, आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी।

साभार : अमर उजाला

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