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मनीष सिसोदिया की सलाहकार रही आतिशी चुनी गई दिल्ली की नई मुख्यमंत्री

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नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. संगठन औ सरकार में उनकी पकड़, आक्रामक अंदाज… आतिशी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की वैसे तो कई वजहें हैं. मगर एक शख्स ने भी उनके इस सियासी छलांग में बड़ी भूमिका निभाई है. अरविंद केजरीवाल ने अगर आतिशी को मुख्यमंत्री चुना है तो उसकी कई वजहों में एक वजह मनीष सिसोदिया भी हैं. मनीष सिसोदिया ही वह शख्स हैं, जिनकी वजह से आतिशी दिल्ली की नई सीएम चुनी गई हैं. सूत्रों की मानें तो मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के बीच कई नामों पर चर्चा हुई. मगर सिसोदिया ने अपनी ओर से आतिशी का नाम आगे रखा. आतिशी के कामकाज और उनकी कार्यशैली को देखते हुए अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया ने उन्हें नया सीएम बनाने का फैसला किया.

खुद भाजपा दिल्ली के चीफ वीरेंद्र सचदेवा ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया है. वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि मनीष सिसोदिया की वजह से ही आतिशी मुख्यमंत्री बनी हैं. आतिशी को मुख्यमंत्री चुने जाने पर वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मनीष सिसोदिया के दबाव में अरविंद केजरीवाल को आतिशी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ रहा है. सचदेवा ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल किसी और को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे. मनीष सिसोदिया के दबाव में जिस तरह से उन्होंने कैलाश गहलोत से कई महत्वपूर्ण विभाग छीनकर आतिशी को दे दिए थे, उसी तरह से मनीष सिसोदिया के दबाव में ही उन्हें आतिशी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ रहा है.

मनीष सिसोदिया की भरोसेमंद

सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ समय से आतिशी ने मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल भरोसा जीता है. मनीष सिसोदिया के साथ आतिशी लंबे वक्त तक काम कर चुकी हैं. कई सालों तक वह मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी हैं. यही वजह है कि मनीष सिसोदिया को सबसे अधिक आतिशी पर ही भरोसा था. अरविंद केजरीवाल जब सीएम के फेस पर गहन-चिंतन कर रहे थे, तब सिसोदिया ने अपनी ओर से आतिशी का नाम सुझाया. मनीष सिसोदिया को आतिशी पर पूरा भरोसा रहा है. यही वजह है कि जब वह जेल गए और डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दिया था, तब बाद में आतिशी को शिक्षा मंत्री बनाया गया था.

अरविंद केजरीवाल को भी भरोसा

हालांकि, अब आतिशी को अरविंद केजरीवाल का भी काभी भरोसेमंद माना जाता है. जब अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दिल्ली शराब घोटाला केस में जेल में थे, तब बाहर आतिशी ही थीं, जो सरकार और संगठन को अच्छे से चलाती रहीं. जब भी आम आदमी पार्टी पर मुसीबत आती थी, तब वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उसका जवाब देती और मजबूती से अपना पक्ष रखती रही हैं. यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल भी आतिशी के नाम पर सहमत थे. सिसोदिया की तरह वह खुद भी चाहते थे कि आतिशी के नाम पर आम आदमी पार्टी विधायक दलों की बैठक में सहमति बन जाए.

सिसोदिया के साथ कर चुकी हैं काम

एक तरह से देखा जाए तो आतिशी के सियासी करियर की शुरुआत ही मनीष सिसोदिया के साथ काम करके हुई है. आतिशी ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान राजनीति में सबसे पहली बार कदम रखा था. वह 2015 से 2018 तक दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं. ये तेज तर्रार ‘आप’ नेता पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी यानी पीएसी की मेंबर भी रह चुकी हैं. आतिशी ने 2019 में लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें गौतम गंभीर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.

आतिशी बनेंगी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी को चुन लिया है. सर्वसम्मति से विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लगाई गई. आतिशी के नाम का प्रस्ताव अरविंद केजरीवाल ने रखा, जिस पर सबने सहमति जताई. आतिशी का नाम फाइनल होने के साथ ही वो दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. इससे पहले, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित भी दिल्ली की कमान संभाल चुकी हैं. आतिशी कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक हैं. मौजूदा समय में उनके पास कुल 13 मंत्रालय हैं. सियासी गलियारों में आतिशी को केजरीवाल के भरोसेमंद साथियों में से एक माना जाता है.

साभार : न्यूज़18

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