लखनऊ. योगी सरकार ने बहराइच हिंसा मामले में ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटाते हुए उन्हें DGP हेडक्वॉटर्स भेज दिया है. ऐसा माना गया है कि स्थानीय पुलिस अगर अलर्ट होती तो हिंसा इतनी नहीं भड़कती. वहीं ASP दुर्गा प्रसाद तिवारी को बहराइच में तैनात कर दिया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि अन्य पुलिस वालों पर जल्द कार्रवाई होगी. दूसरी तरफ योगी सरकार अब और बड़े एक्शन की तैयारी कर चुकी है. सरकार ने 23 घरों में अतिक्रमण कार्रवाई का लाल निशान लगा दिया है और उन्हें 3 दिन का अल्टीमेटम का नोटिस दिया है. इनमें कुछ घर हिंदुओं के भी हैं.
पुलिस का मानना है कि बहराइच में पवित्र मोहन त्रिपाठी एएसपी ग्रामीण होने के बाद भी अपने क्षेत्र में स्थिति को भांप नहीं पाए, उनकी लापरवाही के कारण इतना बड़ा कांड हुआ. यह इलाका उनके अधिकार क्षेत्र में आता था. वे चाहते तो पुलिस अलर्ट रहती और घटना टाली जा सकती थी. दूसरी तरफ हिंसा के बाद आरोपियों की धरपकड़ यूपी एसटीएफ कर रही है. इस बवाल के 5 आरोपियों को नेपाल सीमा से एनकाउंटर के बाद अरेस्ट किया गया था. इसमें रामगोपाल मिश्रा की हत्या करने का मुख्य आरोपी मोहम्मद सरफराज समेत अन्य शामिल थे. चार अन्य आरोपियों में मोहम्मद तालीम, अब्दुल हमीद, मोहम्मद फनीह और एक अन्य मौजूद था.
23 घरों पर लगाया गया लाल निशान, अब चलेगा बुलडोजर
बहराइच के महराजगंज बाजार इलाके में अफसरों की टीम ने अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू कर दी है. यहां 23 घरों पर लाल निशान लगा दिया गया है. ये सभी घर अतिक्रमण के दायरे में आ रहे हैं. इन घरों पर नोटिस लगाकर 3 दिन का समय दिया गया है. इनमें रामगोपाल मिश्रा की हत्या के आरोपी मोहम्मद सरफराज का भी घर था. पुलिस सूत्रों का दावा है कि ये नोटिस अतिक्रमण हटाने की मुहिम के तहत दिए गए हैं और इसमें कुछ हिंदू घर भी शामिल हैं.
साभार : न्यूज़18
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